लखनऊ, देश में कटेंट क्रिएटरों की बढ़ती तादाद और प्रतिस्पर्धा के बीच कंटेंट निर्माण में सही तकनीकी उपकरण चुनने के लिए वेस्टर्न डिजिटल की हैंडबुक मददगार साबित हो सकती है।
एक अध्य्यन के अनुसार 2022 में देश में कटेंट क्रिएटरों की तादाद करीब आठ करोड़ थी जो 2023 में बढ़ कर 10 करोड़ होने का अनुमान है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार बढ़ते कंटेंट की मात्रा में अपने लिए जगह बनाना मुश्किल होता जा रहा है। इसलिए कंटेंट क्रिएटर्स को निरंतर और नया कंटेंट बनाने की जरूरत है, जिसके कारण उन्हें अपने क्रिएटिव सफर के लिए भारी मात्रा में डेटा को संभालना पड़ता है। ऐसे में सही तकनीकी टूल्स का चयन करना बहुत काम आता है।
ऐसे में तकनीक के बेहतर इस्तेमान से न सिर्फ कम्प्यूटर की परफॉरमेंस को बेहतर किया जा सकता है जो कॉन्टेंट रचने की यात्रा में एक बेहद अहम पहलू है। सबसे पहले, एसएसडी (सॉलिड स्टेट ड्राईव) तेजी से बड़ी फाईल एक्सेस कर सकती हैं जिससे बूट टाईम और परफॉरमेंस तेज हो जाते हैं। वीडियो एडिटर्स को रॉ डाटा और भारी ऐडिटिंग सॉफ्टवेयरों के साथ काम करना होता है, ऐसे में डब्ल्यूडी ब्लू एसएन580 एनवीएमई एसएसडी के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है जिसे तेज गति और 2टीबी तक की स्टोरेज क्षमता के लिए जाना जाता है।
इसके 1 टीबी और 2टीबी मॉडलों की रफ्तार 4150 एमबी प्रति सैकिंड तक पहुंच जाती है और एनकैश 4.0 टेक्नोलॉजी के साथ फाइलें बहुत तेज़ी से कॉपी होती हैं।
दूसरा विकल्प एक्सटर्नल ड्राईव का है जो अतिरिक्त स्टोरेज क्षमता प्रदान करती है ये फाइलें संभालने, बैकअप व मल्टीमीडिया कॉन्टेंट के लिए आवश्यक होती है। ऐसा एक विकल्प हो सकता है सानडिस्क प्रोफेशनल जी-ड्राइव ऐंटरप्राइस-क्लास हार्ड ड्राइव, जो कि 22टीबी तक की भारी-भरकम स्टोरेज क्षमता में उपलब्ध है। एचडी फोटो, वीडियो व अन्य कॉन्टेंट के बैकअप और उन्हें ऐक्सैस करने के लिए यह परफैक्ट है।
इसके अलावा एक्सटर्नल एचएचडी इंटरनल एसएसडी को पूर्णता देती है। इसलिए, इंटरनल स्टोरेज फाइलों को ट्रांस्फर कर के कंटेट क्रिएटर स्पेस को फ्री कर सकते हैं और इस तरह अपने कंप्यूटर की स्मूद फंक्शनेलिटी को रिस्टोर कर सकते हैं।
इसके अलावा सीपीयू और मॉनिटर रिज़ॉल्यूशन के साथ कंपैटिबल जीपीयू अपग्रेड करने से कंप्यूटिंग के अनुभव में काफी सुधार हो जाता है। पारंपरिक रूप से जीपीयू या ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स का उपयोग रियल-टाईम थ्री डी ग्राफिक्स एप्लीकेशंस, खासकर गेमिंग को बेहतर बनाने के लिए किया जाता था। लेकिन अब उनका उपयोग लंबे रेंडर टाईम वाली वीडियो एडिटिंग और भारी डेटा वाली प्रक्रियाओं के लिए किया जाने लगा है।
वीडियो एडिटिंग एक मुश्किल काम है। लेकिन सही टूल्स व सॉफ्टवेयर के साथ यह मजेदार हो सकता है। सही सॉफ्टवेयर आपको शॉर्टकट देते हैं और ऑटोमेशन टूल्स आपके वर्कफ्लो को गति देते हैं, जिससे यह कम बोझिल हो जाता है। दूसरी चीज कंपैटिबिलिटी है; आपका सॉफ्टवेयर आपके हार्डवेयर के अनुसार होना ही चाहिए, जो कि हाई-रिज़ोल्यूशन प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक है।