मुंबई, वैश्विक बाजार के कमजोर रुझान से स्थानीय स्तर पर हुई बिकवाली के दबाव में बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक लुढ़के घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह चाल निर्धारित करने में कंपनियों के समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के परिणाम की अहम भूमिका होगी।
बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 775.94 अंक अर्थात 1.3 प्रतिशत की गिरावट लेकर सप्ताहांत पर 59655.06 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 203.95 अंक यानी 1.14 प्रतिशत का गोता लगाकर 17624.05 अंक पर आ गया।
वहीं, समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली का जोर रहा। इससे मिडकैप 124.4 अंक की तेजी के साथ सप्ताहांत पर 24844.97 अंक और स्मॉलकैप 84.68 अंक की बढ़त लेकर 28234.26 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह वैश्विक रुख के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2021-2022 की अंतिम तिमाही में कंपनियों के तिमाही नतीजे का बजार पर असर रहेगा। अगले सप्ताह मारुति, एक्सिस बैंक, विप्रो, हिंदुस्तान यूनीलीवर, इंडसइंड बैंक, महाराष्ट्र बैंक, बजाज ऑटो, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और एसीसी जैसी दिग्गज कंपनियों के परिणाम जारी होने वाले हैं।
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए। लेकिन, मार्च में उसने 1,997.70 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। इसके बाद एफआईआई अप्रैल में अबतक 316.67 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। इसी तरह घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का शुद्ध निवेश 342.32 करोड़ रुपये रहा।