इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने संयुक्त अधीनस्थ सेवा प्रा. परीक्षा, 2013 के परिणाम घोषणा में कट ऑफ अंक न बताने पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और प्रदेश सरकार से आवश्यक जानकारी तलब की है। न्यायालय ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि वह 29 अक्तूबर को बताए कि इस प्रारंभिक परीक्षा की घोषणा के बाद भी कट ऑफ अंक क्यों नहीं उजागर किए गए। यह आदेश न्यायमूॢत बी. अमित स्थालेकर ने अभ्यर्थी हरीश कुमार जायसवाल की याचिका पर कल दिया।
याचिका में राज्य लोक सेवा आयोग और अन्य को पक्षकार बनाया गया है। याची का कहना है कि वह संयुक्त अधीनस्थ सेवा प्रा. परीक्षा, 2013 की परीक्षा में शामिल हुआ था। वह परीक्षा में पास भी हो गया। याची मुख्य परीक्षा में भी 21 दिसम्बर 2015 को बैठा और मुख्य परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया है परन्तु याची का नाम मुख्य परीक्षा परिणाम में नहीं है।
याची का कहना था कि मुख्य परीक्षा के परिणाम में कट ऑफ अंक बिना बताए आयोग कई अभ्यॢथयों को साक्षात्कार में बुला रहा है। उसका कहना है कि कट ऑफ मार्क बताए बिना अभ्यॢथयों को साक्षात्कार में बुलाना गलत है। न्यायालय ने याचिका पर संज्ञान लेकर आयोग को कहा है कि वह 29 अक्तूबर तक बताए कि मुख्य परीक्षा के परिणाम में कट ऑफ अंक प्रदॢशत किए बगैर वह अभ्यॢथयों को साक्षात्कार के लिए कैसे बुला रहा है।