कन्हैया बुधवार को हैदराबाद पहुंचे थे। वे हैदराबाद यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट रोहित वेमुला की याद में हुए प्रोग्राम में हिस्सा लेने आए थे। हालांकि, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें कैम्पस में आने की इजाजत नहीं दी।
इससे पहले कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में काफी समानता है। यहां के टीचरों और छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। हैदराबाद में एक सेमिनार में बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर हमला काफी गंभीर है। कन्हैया का कहना है कि यह कहना कि छात्र अपना आपा खो रहे हैं, सही नहीं है। ये कैसे संभव है कि एक जैसी घटनाएं आईआईटी चेन्नई, फर्ग्युसन, एफटीआईआई में घट रही हैं। क्यों कैंपर वारजोन बनते जा रहे हैं। आखिर क्यों भीतरी सुरक्षा व्यवस्था को ऐसे करने के लिए आदेश दे रहा है।
बुधवार को गेट पर रोके जाने के बाद कन्हैया कुमार ने यूनिवर्सिटी के गेट पर ही भाषण में कहा था छात्रों को असहमति के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद अस्थाई रूप से बनाए गए मेमोरियल पर किसी कार्यक्रम को करने की इजाजत नहीं दी गई है।
कन्हैया बुधवार को हैदराबाद पहुंचे थे। वे हैदराबाद यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट रोहित वेमुला की याद में हुए प्रोग्राम में हिस्सा लेने आए थे। हालांकि, यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें कैम्पस में आने की इजाजत नहीं दी।
इससे पहले कन्हैया कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी और हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में काफी समानता है। यहां के टीचरों और छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है। हैदराबाद में एक सेमिनार में बोलते हुए कन्हैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर हमला काफी गंभीर है। कन्हैया का कहना है कि यह कहना कि छात्र अपना आपा खो रहे हैं, सही नहीं है। ये कैसे संभव है कि एक जैसी घटनाएं आईआईटी चेन्नई, फर्ग्युसन, एफटीआईआई में घट रही हैं। क्यों कैंपर वारजोन बनते जा रहे हैं। आखिर क्यों भीतरी सुरक्षा व्यवस्था को ऐसे करने के लिए आदेश दे रहा है।
बुधवार को गेट पर रोके जाने के बाद कन्हैया कुमार ने यूनिवर्सिटी के गेट पर ही भाषण में कहा था छात्रों को असहमति के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी अधिकारियों ने पहले ही साफ कर दिया था कि रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद अस्थाई रूप से बनाए गए मेमोरियल पर किसी कार्यक्रम को करने की इजाजत नहीं दी गई है।