नयी दिल्ली,देशद्रोह के मामले में जेल में बंद जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गयी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को उन्हें दस हजार रुपये के निजी मुचलके पर छह महीने की सशर्त जमानत दे दी। उनकी रिहाई वृहस्पतिवार सुबह तक होने की संभावना है क्योंकि तिहाड़ जेल प्रशासन के पास देर शाम तक जमानत संबंधी कागजात तक नहीं पहुंचे थे।
कन्हैया को जमानत मिलने पर जेएनयू में भी जश्न का माहौल है। इस समाचार के पहुंचते ही विश्वविद्यालय में छात्र खुशी से झूम उठे।जमानत के बाद कन्हैया के समर्थकों ने कहा कि यह लोकतंत्र की हुई जीत है। जमानत मिलते ही कन्हैया के बिहार स्थित पैतृक गांव बीहट में लोग खुशी से झूम उठे। लोगों ने इस खुशी में एक साथ होली व दीपावली मनाया। जमानत मिलने पर खुशी जताते हुए कन्हैया के भाई मणिकांत ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। जमानत मिलने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग कन्हैया के घर पर पहुंच गये। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद कन्हैया के अस्वस्थ पिता जयशंकर सिंह ने कहा कि मेरा बेटा देशभक्त है।
हाईकोर्ट ने कन्हैया को निर्देश दिया कि वह जांच में दिल्ली पुलिस का पूरा सहयोग करें। अंतरिम जमानत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि इसे पुलिस के लिए सेटबैक नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा, ‘हम कोर्ट के निर्णयों से बाध्य हैं। अंतरिम जमानत कोई नया ट्रेंड नहीं है। ऐसे गंभीर मामलों में अंतरिम जमानत दी जाती रही है।’
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि टीवी फुटेज के अलावा इस मामले में उसके पास कोई और सबूत हैं अथवा नहीं। इस पर अभियोजन पक्ष ने कहा कि उसके पास कई सबूत हैं। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज के अलावा कई स्वतंत्र गवाह भी हैं। इनमें जेएनयू के चीफ सिक्योरिटी अफसर के अलावा तीन अन्य छात्र शामिल हैं।
कन्हैया को न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था।कन्हैया को तिहाड़ में जेल नंबर तीन में एक अलग सेल में रखा गया था। यहां तमिलनाडु स्पेशल पुलिस की 24 घंटे निगह बनाए हुए थी। 4 जेल कर्मचारी 24 घंटे उस सेल की सुरक्षा कर रहे थे। किसी भी वजह से कन्हैया को सेल से बाहर निकाल कर जेल के अंदर कहीं भी ले जाने पर सुरक्षा बढ़ाने का आदेश था। जेल में उसकी सुरक्षा बहुत मजबूत की गई थी।