नई दिल्ली, तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुर वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस जेएस खेहर की बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कहा कि फैसले का आपरेटिव हिस्सा बहुमत के फैसले के मुताबिक नहीं है। चीफ जस्टिस ने कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता है। क्या आपको लगता है कि मेंशनिंग स्टेज में हम फैसला बदल देंगे? उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी।
दरअसल, कपिल सिब्बल ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से तीन तलाक के पक्ष में दलील दी थी। उन्होंने तीन तलाक की वकालत करते हुए कहा था कि ये चौदह सौ सालों से परंपरा चली आ रही है। उन्होंने कहा था कि सभी धर्मों में भेदभाव है ऐसे में केवल तीन तलाक पर ही रोक की बात क्यों हो रही है। उन्होंने कहा था कि जब राम का अयोध्या में जन्म पर विश्वास किया जाता है तो फिर संविधान को बीच में लाने की क्या जरूरत है।