लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव सरकारी पावर हाउस कर्मचारियों के हित की लड़ाई लड़ेंगे।अखिलेश यादव से आज पनकी बचाओं संघर्ष समिति के संयोजक श्री अजय कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट की और कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में प्रस्तावित 1660 मेगावाट पनकी परियोजना को शीघ्र स्थापित कराने की मांग की थी जिसको वर्तमान भाजपा सरकार ठंडे बस्ते में डाल देना चाहती है।
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अखिलेश यादव ने पनकी बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि वे पनकी विस्तार परियोजना को बचाने की लड़ाई में उनके साथ होंगे। उन्होंने कहा एक तो प्रदेश में वैसे ही विद्युत आपूर्ति अपर्याप्त उपलब्ध है उस पर भी विद्युत शुल्क में बढ़ोत्तरी कतई मंजूर नही होगा। उन्होंने नए विद्युत गृहों और उपकेंद्रो की स्थापना एवं विस्तार पर जोर दिया था ताकि विद्युत आपूर्ति बेहतर हो। बिना बिजली के विकास नहीं हो सकता है।
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प्रतिनिधिमण्डल के ज्ञापन में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में पनकी विस्तार परियोजना को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अनापत्ति प्रमाण दिया गया था लेकिन अब उ0प्र0 पावर कारपोरशन लि0 प्रबंधन ने नई प्रस्तावित इकाई 1660 मेगावाट पनकी विस्तार का पावर परचेज एग्रीमेंट नहीं करने का निर्णय लिया हैं।
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उक्त पावर परचेज एग्रीमेंट न होने का सीधा अर्थ है कि पावर कारपोरेशन का प्रबंध नई इकाई लगाने को तैयार नहीं है और निजी घरानों से मंहगी बिजली खरीदने के लिए पनकी पावर हाउस को बंद करने की साजिश हो रही हैं। प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि पावर कारपोरेशन का उच्च प्रबंधन निजी पावर हाउस से ऊंची दर पर बिजली क्रय कर रही है और सरकारी क्षेत्र में आने वाले पावर हाउस बंद कराने का प्रयास कर रही हैं इससे उपभोक्ताओं को मंहगी बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी जानकारी दी कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का प्रमाणपत्र पनकी की दोनों पुरानी इकाईयों को सितम्बर 2018 तक फेज आउट करने की शर्त पर दिया गया है। अतः 1660 मेगावाट पनकी विस्तार परियोजना का स्थापित होना जरूरी है। इससे पनकी पावर हाउस से जुड़े व्यापारी, कर्मचारी, श्रमिक, संविदा श्रमिक का रोजगार भी नहीं छिनेगा। अन्यथा इन पर निर्भर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर लगे हजारों लोगों की जीविका पर संकट खड़ा हो जाएगा।