नई दिल्ली, कश्मीर घाटी में जारी हिंसा में सभी का चैन छीन रखा है। ऐसे में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि सेना कश्मीरियों के खिलाफ नहीं। सेना कश्मीरियों को आतंकी नहीं मानती है। उन्होंने कहा कि सेना काम आंतकियों को वहां के लोगों से अलग करके निशाना बनाना है।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, रावत ने ये भी कहा है कई दिनों से कासो की बात की जारी है जिसको उन्होंने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सेना का लक्ष्य घने जंगलों में छिपे आतंकियों को ठिकाने लगाने पर है। उन्होंने साफ किया कि हम कश्मीर में कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (कासो) की ओर नहीं लौट रहे।
रावत का कहना है कि ऐसी कार्रवाइयों से स्थानीय लोगों को तकलीफ होती। कासो का इस्तेमाल घाटी में आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में किया जाता था। उन्होनें कहा कि सेना ने ऐसे अभियानों को 15 साल पहले बंद कर दिया था। लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि लोगों के लिए अगर कोई सर्च आपरेशन किया भी जाता है तो उसमें बुराई क्या है?
सेना फिलहाल केवल सर्च ऑपरेशन कर रही है। रावत का मानना है कि ऐसे चुनिंदा लोग हैं जो कि आतंक और हिंसा में लगे हैं, सभी कश्मीरी दहशतगर्दी का हिस्सा नहीं हैं। रावत ने बताया कि अब हम एरिया सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। इन्हें घेराबंदी नहीं कहा जा सकता है। कहा जा रहा है कि दक्षिणी कश्मीर में एरिया सर्च ऑपरेशन अमरनाथ यात्रा तक जारी रहेगा।
इस साल ये यात्रा 29 जून से शुरू होकर 7 अगस्त को खत्म होगी। इसमें सेना खुफिया जानकारी के आधार पर कुछ घरों की तलाशी लेने की रणनीति अपना रही है। सेना का पूरा ध्यान घने जंगलों में छिपे आतंकियों को मार गिराने पर है। पिछले गुरुवार को सेना ने शोपियां इलाके के 15 जिलों में ऑपरेशन चलाया था, जिसमें राष्ट्रीय राइफल्स के करीब 4000 जवान शामिल हुए थे।