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कश्मीर उपचुनाव पर गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग आपस में भिड़े

नई दिल्ली,  श्रीनगर लोकसभा चुनाव के दौरान रविवार को हुई बड़ी पैमाने पर हिंसा की वजह से निर्वाचन आयोग और गृह मंत्रालय के बीच सोमवार को वाक्युद्ध हुआ और मंत्रालय ने कहा कि चुनाव के लिए माहौल अनुकूल नहीं होने की उसकी सलाह को नजरअंदाज किया गया। निर्वाचन आयोग ने पलटवार करते हुए कहा कि वह कोई चुनाव कराने से पहले केंद्र सरकार से मशविरा करने के लिए बाध्य नहीं है।

रविवार को हुए उपचुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और आठ लोगों की मौत हो गई थी। बीते महीने 10 मार्च को उपचुनाव की तारीखों का ऐलान करने के फौरन बाद गृह मंत्रालय ने सख्त लहजे में आयोग को पत्र भेजकर कहा था कि श्रीनगर और अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव के संबंध में उससे पहले कोई मशविरा नहीं लिया गया।

गृह मंत्रालय ने सलाह दी थी कि चुनावों को स्थगित किया जाए और अगले कुछ महीने में होने वाले पंचायत चुनावों के बाद कराये जा सकते हैं। मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि निर्वाचन आयोग गृह मंत्रालय की सलाह को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ा। श्रीनगर में रविवार को उपचुनाव हुआ जबकि अनंतनाग में बुधवार को होना था।

बाद में आयोग ने गृह मंत्रालय के दावों को यह कहते हुए खारिज किया कि 16 अप्रैल से पहले श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव कराना संवैधानिक दायित्व है। आयोग के सूत्रों ने बताया कि इस विषय पर राज्य सरकार से विमर्श किया गया था क्योंकि कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी सिर्फ अर्धसैनिक बलों को मुहैया कराना है। भारतीय निर्वाचन आयोग कोई भी चुनाव कराने से पहले गृह मंत्रालय से मशविरा लेने के लिए बाध्य नहीं है।

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