कांग्रेस ने अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत कर अन्य पर्यावरणीय मुद्दों पर भी संज्ञान लेने का किया आग्रह

नयी दिल्ली,  वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने अरावली मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के अपने ही फैसले पर रोक लगाये जाने के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने मंगलवार को इस कदम को ‘बेहद जरूरी तथा स्वागत योग्य’ बताया और भारत के पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए तीन अन्य अहम पर्यावरणीय मुद्दों पर भी न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया।

श्री रमेश ने कहा कि न्यायालय के हस्तक्षेप ने पर्यावरण संरक्षण और संवैधानिक सिद्धांतों की प्रधानता को फिर से पुष्ट किया है। गौर करने वाली बात है कि इस फैसले का मोदी सरकार ने पुरजोर समर्थन किया था।

दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखलाओं में से एक अरावली रेगिस्तान के प्रसार के खिलाफ अहम पारिस्थितिक बाधा के रूप में कार्य करती है और उत्तर-पश्चिमी भारत में जलवायु और भूजल को नियंत्रित करने में मुख्य भूमिका निभाती है। पर्यावरणविदों और विपक्षी दलों ने न्यायालय के 20 नवंबर के पिछले फैसले पर चिंता जताई थी और चेतावनी दी थी कि वन क्षेत्र की परिभाषा में ढील देने से खनन और निर्माण कार्यों के लिए बड़े रास्ते खुल सकते हैं।

न्यायालय के ताजा हस्तक्षेप पर श्री रमेश ने कहा कि पर्यावरण से जुड़े तीन अन्य ‘जरूरी मुद्दे’ हैं। इन पर भी उच्चतम न्यायालय को तत्काल स्वतः संज्ञान लेना चाहिए।

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