नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति में आने को अपने जीवन का पहला कठिन फैसला बताया।
सोमवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए सोनिया ने कहा कि राजनीति में या इतिहास में यह युग की अपनी समस्याएं होती हैं। इसके अपने नेता होते हैं और अपना विपक्ष होता है। मेरा मानना है कि कांग्रेस मौजूदा शासन से अच्छे तरीके से मोर्चा ले रही है। उन्होंने अगले चुनाव में पार्टी के सत्ता में वापसी की उम्मीद भी जताई। जब कांग्रेस नेता से पूछा गया कि क्या मोदी और इंदिरा गांधी के बीच तुलना होने से उन्हें परेशानी होती है, इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल नहीं। मैं इसमें जरा भी विश्वास नहीं करती। मेरा स्पष्ट मानना है कि दोनों नेताओं के बीच कोई तुलना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह इंदिरा गांधी की बहू नहीं होतीं, तो राजनीति में कभी नहीं आतीं। इंदिरा के साथ अपनी पहली भेंट का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि मैं 1965 में उनसे पहली बार मिली थी। उन्होंने मुझसे फ्रेंच में बात करनी शुरू की। उन्होंने कहा कि भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री से बात करते समय मैं बहुत ज्यादा नर्वस थीं। सोनिया गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वर्गीय इंदिरा गांधी के बीच किसी तरह की कोई तुलना नहीं है। उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस के पास मोदी से मुकाबले के लिए कोई नेता नहीं है।