नई दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर के एक कांस्टेबल के गायब होने के बाद दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर सरकार से नए सिरे से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है । पिछले 8 जून को कोर्ट ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी किया था। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। एमके पंडिता द्वारा दायर याचिका में जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप के कांस्टेबल समीर भट्ट का पता लगाने का निर्देश देने की मांग की गई है।
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याचिका में ये भी मांग की गई है कि इस मामले की जांच सीबीआई या एनआईए को सौंपी जाए ताकि निष्पक्ष और तेजी से जांच हो सके। समीर भट्ट पंपोर के रहनेवाले हैं। उन्होंने 2008 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल के रुप में ज्वायन किया था। वो पिछले 14 मई से गायब हैं।
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वो अपने दोस्त एजाज अहमद के साथ श्रीनगर से गए थे । एजाज ने कबूला था कि उसने भट्ट की हत्या कर दी थी। उसके बाद श्रीनगर के आईजी ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर ये सूचना दी कि एजाज ने भट्ट की हत्या कर दी थी।
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उसके बाद जांच एसआईटी से हंदवाड़ा पुलिस को सौंप दी गई थी। याचिका में कहा गया है कि एजाज को बचाने के लिए एसआईटी से हंदवाड़ा पुलिस को जांच सौंपी गई। याचिका में कहा गया है कि जब तक भट्ट का शरीर न मिल जाए तब तक ये माना जाएगा कि वे जिंदा हैं या किसी की गिरफ्त में हैं।
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