कानपुर में फर्जी ट्रेडिंग एप से साइबर ठगी करने वाले गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार

कानपुर, उत्तर प्रदेश में कानपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शेयर मार्केट/आईपीओ में निवेश के नाम पर व्हाट्सएप ग्रुप एवं फर्जी ट्रेडिंग एप के जरिये साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुये आठ युवा साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने शनिवार को बताया कि एक सूचना के आधार पर पुलिस ने बीती देर रात रेल बाजार क्षेत्र में कानपुर सेंट्रल स्टेशन रोड पर एसयूवी पर सवार सलमान,अश्वीन,शिवकुमार,निखिल,अभय मिश्रा,योगेन्द्र सिंह,आलोक कुमार और शिवम पटेल को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से इलेक्ट्रानिक उपकरण समेत अन्य दस्तावेज बरामद किये। उन्होने बताया कि पिछले दिनो शेयर मार्केट एवं आईपीओ में अधिक लाभ दिलाने का झांसा देकर साइबर अपराधियों द्वारा ठगी किए जाने का गंभीर मामला सामने आया था जिसमें पीड़ित को “लांच क्लब एच49” नामक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जिसमें कथित तौर पर शेयर ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स और एनालिसिस साझा किए जाते थे। ग्रुप में शामिल लोग स्वयं को सेबी रजिस्टर्ड कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए निवेश के लिए प्रेरित करते थे।

साइबर ठगों द्वारा भेजे गए लिंक के माध्यम से एक फर्जी ट्रेडिंग एप “वेंचुरा ग्लोबल” डाउनलोड कराया जाता था जिसमें शुरु में एप पर मुनाफा दिखाकर तथा कुछ रकम निकलवाकर विश्वास जीत लिया जाता है ।इसके बाद ग्रुप के सदस्यों द्वारा अधिक से अधिक निवेश करने का दबाव बनाते है, जिसके प्रभाव में आकर पीड़ित ने अपने बैंक खातों से विभिन्न तिथियों में करोड़ों की धनराशि निवेश कर दी।

पिछली 11 नवंबर को आरोपियों ने यह कहकर भय पैदा किया कि एक कथित व्यक्ति की इनसाइडर ट्रेडिंग में गिरफ्तारी हुई है तथा सभी खातों पर 20 प्रतिशत पेनल्टी लगाई गई है। अकाउंट अनफ्रीज़ कराने के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की गई, जिससे पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ जिसके बाद उसने साइबर क्राइम थाना पुलिस की शरण ली। पीड़ित द्वारा दिये गये दस्तावेजों की जाँच के लिये सेबी से ई-मेल द्वारा जानकारी लेने पर स्पष्ट हुआ कि संबंधित कंपनी, एप एवं भेजे गए सभी दस्तावेज पूर्णतः फर्जी हैं।

इस बीच 26 दिसंबर की रात 11 बजे साइबर क्राइम कमिश्नरेट पर तैनात प्रभारी निरीक्षक को सूचना मिली कि साइबर ठग पुराना कानपुर सेंट्रल स्टेशन रोड, लोको कॉलोनी क्षेत्र में एक काली स्कॉर्पियो में बैठकर साइबर अपराध से संबंधित गतिविधियाँ कर रहे हैं तथा बैंक खातों एवं डिजिटल माध्यमों के जरिए धोखाधड़ी के लिये लोगों से संपर्क कर रहे हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस टीम गठित कर घेराबंदी की गई। मौके पर पहुंचने पर अभियुक्तों ने वाहन लेकर भागने का प्रयास किया गया, मगर वाहन को रोककर उसमें सवार आठ अभियुक्तों को पकड़ा गया। तलाशी एवं प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्तों के पास से 13 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, डिजिटल दस्तावेज, बैंकिंग विवरण, डेबिट कार्ड, क्यूआर कोड, क्रिप्टो करेंसी वॉलेट विवरण, टेलीग्राम एवं व्हाट्सएप चैट, यूएसडीटी ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड आदि बरामद हुए।

डिजिटल साक्ष्यों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया कि अभियुक्त संगठित रूप से शेयर मार्केट/आईपीओ में निवेश के नाम पर लोगों को व्हाट्सएप एवं टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर, फर्जी ट्रेडिंग एप व फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से विश्वास में लेते थे। प्रारंभ में लाभ दिखाकर पीड़ितों को निवेश के लिये प्रेरित किया जाता था तथा बाद में भय एवं दबाव बनाकर बड़ी धनराशि की ठगी की जाती थी। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि ठगी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैंक खातों से क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) में परिवर्तित कर डिजिटल वॉलेट्स के माध्यम से आगे ट्रांसफर किया जाता था, जिससे धन के स्रोत को छिपाया जा सके।

इसी क्रम में एक प्रमुख क्रिप्टो वॉलेट की पहचान कर उसे फ्रीज़ कराया गया, जिसमें लगभग सात लाख मूल्य की यूएसडीटी फ्रीज़ पाई गई तथा करीब एक करोड़ की यूएसडीटी का लेन-देन सामने आया। पूछताछ में यह भी पता चला कि गिरोह के प्रत्येक सदस्य की भूमिका पूर्व-निर्धारित थी। कोई बैंक खाते उपलब्ध कराता था, कोई खातों की जांच करता था, कोई मुख्य फ्रॉडस्टर से संपर्क में रहता था तथा कमीशन का आपसी बंटवारा किया जाता था। गिरफ्तार ठगों में चार लखनऊ के,दो फतेहपुर के और दो गोण्डा के निवासी है और सभी की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच है।

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