नई दिल्ली, कामकाजी औरत के लिए घर और ऑफिस संभालना मुश्किल तो होता ही है पर यह दिक्कत गर्भवती होने की स्थिति में और बढ़ जाती है। लेकिन अब उम्मीद है कि इनकी यह मुश्किल खत्म हो जाएगी क्योंकि जल्द ही मैटरनिटी लीव को और बढ़ाया जा सकता है। पब्लिक सेक्टर और प्राइवेट कंपनियों में कार्यरत महिलाओं को 26 हफ्तों का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है। फिलहाल मातृत्व अवकाश के लिए 12 हफ्तों का प्रावधान है और अगर प्रस्ताव पारित हो गया तो यह छुट्टी बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो जाएगी। इतना ही नहीं 26 हफ्तों की छुट्टी के बाद वर्किंग मदर्स को घर से काम करने की इजाजत दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 में संशोधन के लिए तैयार किए गए कैबिनेट नोट के ये कुछ खास प्रावधान हैं। लेकिन घर से काम करने देने की छूट केवल उन्हीं मामलों में उपलब्ध होगा जहां जॉब नेचर महिला स्टाफ को इसकी इजाजत देता हो। इसके लिए महिला स्टाफ और उसके नियोक्ता की आपसी रजामंदी भी जरूरी होगी। दो या दो से ज्यादा बच्चों की मां 26 हफ्तों की छुट्टी पर दावा नहीं कर पाएंगी।