गोरखपुर, कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में निलंबित और फरार चल रहे दो मुख्य आरोपी पुलिसकर्मियों को गोरखपुर की पुलिस ने रविवार शाम गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों पर शनिवार को 25 हजार रुपए से बढाकर एक लाख रूपये का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना के आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह,एसआई अक्षय कुमार मिश्रा, उपनिरीक्षक विजय यादव,उपनिरीक्षक राहुल दुबे,मुख्य आरक्षी कमलेश सिंह यादव और आरक्षी नागरिक पुलिस प्रशांत कुमार फरार थे जिसमें से गोरखपुर पुलिस टीम ने एक लाख के इनामी हत्यारोपी फरार इंस्पेक्टर जगत नारायन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा गिरफ्तार कर एसआयीटी को सौंप दिया।
उन्होंने बताया कि दोनों कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे लेकिन इस बीच पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। वहीं गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें एसआईटी को सुपुर्द कर दी है जहां दोनो से एसआई टीम टीम पूछताछ कर रही है। पुलिस ने दावा किया है कि कि जल्द ही इस मामले के अन्य फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मृतक की पत्नी मीनाक्षी ने पुलिस को दी तहरीर में छह पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी ठहराते हुए नामजद किया था। इनमें इंस्पेक्टर रामगढ़ताल जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज फलमंडी अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जबकि तहरीर में नामजद किए गए सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव, कांस्टेबल प्रशांत कुमार की जगह तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ।
गौरतलब है कि इस घटना में 27 सितंबर की देर रात गोरखपुर के होटल में पुलिस वालों पर मनीष को पीट.पीटकर मारने का आरोप 28 सितंबर को पोस्टमॉर्टम के बाद तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी और छह को निलम्बित किया गया। 29 सितंबर की सुबह परिजन शव लेकर कानपुर पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदत्यनाथ से मिलने की जिद पर अड़े थे और अंतिम संस्कार करने से भी इनकार किया। काफी प्रयास के बाद 30 सितंबर सुबह 5 बजे मनीष का अंतिम संस्कार किया गया था।