लखनऊ, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मैंने सपा का गठन आपातकाल के दौरान किया था तब अखिलेश यादव महज दो साल के थे। इस दौरान भाई शिवपाल यादव उनके करीब खड़े थे।
पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत में मुलायम ने कहा कि मैंने गरीबी में जीवन बिताया। इमरजेंसी देखी और पार्टी को बनाने के लिए लाठियां खायीं। उन्होंने कहा कि मैंने अपना सब कुछ दे दिया है लेकिन पार्टी को टूटने नहीं दूँगा। कार्यकर्ताओं के मुलायम जिंदाबाद नारों के बीच उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम ने कहा कि पार्टी को विभाजित करने के प्रयास सफल नहीं होंगे।
सपा के प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कार्यकर्ताओं और जनता पर पूरा भरोसा है कि पार्टी को टूटने नहीं देंगे। समाजवादी पार्टी का ना तो नाम बदलेंगे और ना ही चिह्न बदलेंगे… हम पार्टी को एक रखना चाहते हैं और साइकिल भी रखना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं और अगले मुख्यमंत्री भी होंगे, यह भी (मुलायम ने) घोषित कर दिया है। साथ ही अखिलेश से कहा, ‘‘आप ऐसे लोगों के पास क्यों जा रहे हो, जिन्होंने फंसाया है। किसी विवाद में मत पड़ना। हम किसी भी कीमत पर पार्टी की एकता चाहते हैं।’’ मुलायम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप हमारा सहयोग करें और समर्थन करें। यही वायदा कर दें कि आप हमारे साथ रहेंगे और पार्टी को बचाएंगे। हम पार्टी को बचाना चाहते हैं और यही कहना चाहते हैं कि हमारी सपा और हमारी साइकिल बची रहे।
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘‘अब क्या बचा मेरे पास। कुछ नहीं बचा। आपने (कार्यकर्ता) सही बोला। जो मेरे पास था, पूरा का पूरा दे दिया। अब मेरे पास क्या है… मेरे पास आप लोग हैं। मेरे पास कार्यकर्ता है, जिसने संघर्ष किया। मेरे पास जनता है जिसने समर्थन दिया। जनता की बदौलत आज हम यहां हैं और तब नेता बने हैं।’’
मुलायम ने कहा कि पार्टी को बनाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है, तकलीफें झेली हैं। उन्होंने 1977 की इमरजेंसी देखी है। ‘‘हम चाहते हैं कि हमारी पार्टी की एकता में बाधा ना पड़े। बहुत संघर्ष से सपा खड़ी हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने गरीबी में जीवन बिताया है। पार्टी को बनाने के लिए लाठियां खायी हैं।’’