वाराणसी, 22 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में मौजूदगी की सम्भावना देख मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी फास्ट हो गये है। केन्द्र सरकार के विकास योजनाओ को धरातल पर आने के पूर्व ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री धमक सकते है और 20 दिसम्बर के बाद कभी भी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट वरूणा कॉरिडोर को जनता के लिए लोकार्पित कर भाजपा को चौका सकते है। एक्सप्रेस वे और मेट्रो परियोजना का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री वरूणा कारीडोर के लोकार्पण समारोह में पीएम पर माना जा रहा है कि जमकर सियासी निशाना साधेंगे। मुख्यमंत्री के आने की सुगबुगाहट देख मंगलवार को कचहरी शास्त्रीघाट पर वरूणा कॉरिडोर के निर्माण कार्य को देखने सूबे के लोक निर्माण विभाग, सिचाई एवं जल संसाधन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटेल के साथ जिले के आला अफसर पहुंचे और घंटा भर कड़ाके की ठंड एवं कोहरे के बीच कार्य में तेजी लाने के लिए दिशा निर्देश दिया। घाट पर निरीक्षण के दौरान राज्यमंत्री पटेल ने वरूणा नदी के किनारे स्थित किसी भी होटल एवं व्यवसायिक काम्पेक्स भवनों का गंदा पानी वरूणा नदी में न जाने देने पर विशेष जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन होटलो एवं व्यवसायिक भवनों में बनाया गया एसटीपी यदि बंद पाया गया, तो उनमे सरकारी ताला बंद कर संचालन अवरूद्व कर दिया जायेगा। उन्होने भरोसा देते हुए मंत्री को बताया कि वरूणा में गंदा पानी बहने नही दिया जायेगा। वीडीए सचिव ने बताया कि 4 अवैध अतिक्रमित भवनों के ध्वस्तीकरण की तिथि निर्धारित कर दिया गया है, शेष चिन्हिंत अतिक्रमणों को भी शीघ्र हटवा दिया जायेगा। मंत्री सुरेन्द्र पटेल ने सिचाई विभाग के अधीक्षण एवं अधीशासी अभियंता को 500 मीटर क्षेत्र में वरूणा नदी के उन्होंने शास्त्रीघाट के पास वरूणा पुल के दोनो आर्क में दोनो तरफ आकर्षक लाइटिंग कराये जाने का भी निर्देश दिया। बताया कि पुल के ऊपर सौर उर्जा से चालित 60-60 वाट के एलईडी एवं 4 हाईमास्क लगाये जा रहे है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी पुलकित खरे, सचिव वीडीए एमपीसिंह, अपर जिलाधिकारी नगर जितेन्द्र बहादुर सिंह, उप नगर आयुक्त राजेन्द्र सिंह सेंगर सहित सिचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता एवं अधिशासी अभियंता आलोक जैन भी मौजूद रहे।