कासगंज मे फिर शुरू हुई हिंसा, जानिये कैसे हुये हालात बेकाबू
January 27, 2018
कासगंज, शुक्रवार को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद कासगंज में शनिवार सुबह फिर एकबार हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने बारहद्वारी इलाके में तोड़फोड़ और 6 दुकानों में आगजनी की घटना को अंजाम दिया। कल की घटना के बाद से दो लोगों के लापता होने की भी सूचना है।
शुक्रवार को तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल में मृत चंदन गुप्ता कि अंत्येष्टि कर लौट रहे आक्रोशित लोगों ने सड़क किनारे खड़ी दो बसों में लगाई आग, एक खोका फूंका। उपद्रवियों ने आधा दर्जन दुकानों में भी आग लगाई । शहर के बाराद्वारी पर बर्तन की दुकान में शटर तोड़कर तोडफ़ोड़ की कोशिश की गई। कई कस्बों के बाजार बंद हैं और पुलिस की गश्त जारी है।
26 जनवरी को हिंसा में मारे गए चंदन (22) का आज सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर एटा के बीजेपी सांसद राजवीर सिंह समेत हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार, ताजा आगजनी और तोड़फोड़ चंदन की अंतिम यात्रा से लौट रहे लोगों ने की है। कल की घटना के बाद से दो लोगों अच्छन और तौफीक के लापता होने की भी सूचना है।
सूत्रों के अनुसार, एक पक्ष का कहना है कि शुक्रवार सुबह विद्यार्थी परिषद एवं हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता बाइक से तिरंगा यात्रा निकाल रहे थे। यह यात्रा मुस्लिम बाहुल्य मुहल्ला हुल्का में पहुंची तो यहां कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाए। जिस पर समुदाय विशेष के एक युवक ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगा दिया। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों मे बवाल हो गया। दोनों ओर से पथराव और फायरिंग शुरू हो गई।
वहीं दूसरे पक्ष के अनुसार, वह लोग 26 जनवरी पर चौराहे पर तिरंगा फहरा रहे थे तभी बाईक और गाड़ियों से वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारे लगाते हुये लगभग 70-80 लड़के आ गये और उनसे तिरंगे की जगह भगवा फहराने के लिये दबाव बनाने लगे। जिसको लेकर बवाल हो गया। दोनों ओर से पथराव और फायरिंग हुई।
उपद्रवियों ने तहसील रोड पर फायरिंग की, जहां गोली लगने से गली शिवालय रेलवे रोड निवासी चंदन गुप्ता पुत्र सुशील गुप्ता की मौत हो गई। जबकि युवक प्रिंस एवं नौशाद घायल हो गए। नौशाद को अलीगढ़ रेफर किया गया है। उपद्रवियों के पथराव में आधा दर्जन अन्य घायल हुए है। जिसमें कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल है।
चंदन के परिवार वालों ने 50 लाख रुपए मुआवजे और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। हालांकि, कलेक्टर आरपी सिंह के मुताबिक, सरकार ने 5 लाख रुपए मुआवजे का एलान कर दिया है। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन से पीड़ित परिवार की हर संभव मदद करने और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।