प्रयागराज, चुनावी महासमर में हिस्सा लेकर कभी राजनीति के गलियारों में तहलका मचाने वाले किन्नरों ने तंज कसा है कि समाज को धर्म और जाति में बांटकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना उनके वश की बात नहीं है और वे दुआयें बांटने के काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
किन्नर अखाड़ा की प्रभारी और उज्जैन पीठाधीश्वर पवित्रा माई ने कहा श्पहले चुनाव चरित्र और विकास को लेकर लड़े जाते थे लेकिन आज के जमाने में अब इसका कोई मोल नहीं है। आजकल के राजनेता जीत के लिये जनता को गुमराह करते है। राजनीति वास्तव में धनबल और बाहुबल का खेल बन गया है। यही कारण है कि राजनीति से अच्छे लोगों का पलायन हो रहा है।
उज्जैन की पीठाधीश्वर ने कहा श्ओछी राजनीति कर समाज बंटने के बजाए किन्नर अपने पारंपरिक पेशा श्यजमानों के दरवाजे जाकर नेग दस्तूर के लिए भिड़नाए बलैय्या लेना तथा लोगों में प्यार और दुलार बांटना बेहतर समझते हैं। मेरा मानना है राजनीति से हमारा कोई भला होने वाला नहीं है। समाज स्वस्थ्य रहेगा तो उनका नेग दस्तूर जारी रहेगा।
उन्होने कहा राजनीति में जब तक अच्छे लोगों का पदार्पण नहीं होगा तब तक किसी भी क्षेत्र में बेहतरी की परिकल्पना करना बेमानी होगा। जनता पिसती रहेगीए किसी ओर सुनवाई नहीं होगी। राजनीति का खेल हर किसी के बूते की बात नहीं रहा। पहले राजनीति का अपराधीकरण होता था और अब अपराधीकरण का राजनीतिकरण हो रहा है। अब यह केवल धनबल और बाहुबल का खेल बन गया है।