हिसार, फतेहाबाद जिले के बड़ोपल गांव में कृषि विभाग ने नकली बीज बेचते गांव कुम्हारिया के मुकेश को गिरफ्तार किया है।
मुकेश किसानों को बीटी 3 के नाम पर कपास का नकली बीज बेच रहा था, जबकि बीटी 3 को भारत में मंजूरी ही नहीं है। उसके बावजूद एक पैकेट एक हजार रुपए का बेच रहा था। कृषि विभाग ने किसानों की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत देकर उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
कृषि विभाग के एसडीओ भीम सिंह कुलडिय़ा को गांव बड़ोपल के किसान रविकांत जागूं व अन्य किसानों ने दी सूचना में बताया कि मोहम्मदपुर रोड पर स्थिति उनकी ढाणियों में एक व्यक्ति बीटी 3 के नाम पर नरमे का बीज बेचने आया हुआ है। वह पहले कई किसानों को बीज बेच चुका है। इसकी बाद मौके पर कृषि विभाग की टीम पहुंची। उन्होंने बीज के सैंपल की जांच करते हुए उसके सैंपल भरे। पुलिस में शिकायत दी। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
कृषि विभाग ने आरोपी मुकेश के पास से नकली बीज के 8 पैकेट पकड़े हैं। इसके अलावा उसकी आल्टो कार को भी जब्त किया गया है। आरोपी रूसिल सीड्स कोरपोरेशन कंपनी के नाम पर रक्षक बीटी 3 का बीच बेच रहा था। इतना हीं नहीं, अपने बीज को सीआरआई यानी कॉटन रिसर्च इंडस्ट्री से प्रमाणित बीटी 3 बता रहा था। किसानों को एक पैकेट 1 हजार रुपये में दे रहा था। वहीं माणक 161 बीज के पैकेट भी पकड़ा गया। जिसके पैकेट पर भी बीटी 3 लिखा गया था। लेकिन लेबल नंबर, लोट नंबर, डेट का पैकेजिंग व समय-सीमा नहीं दी गई है।
भारत में नरमे की फसल के लिए बीटी 2 को मान्यता दी हुई। इसके अलावा किसी अन्य फसल के लिए बीटी के बीज मान्यता नहीं दी गई है। यदि कोई बैंगन व अन्य फसल बीटी बीज लगाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। बीटी एक आनुवांशिक संशोधित फसल है। इसे अप्राकृतिक परिवर्तन को आनुवांशिक (जीन्स में) संशोधित फसल कहा जाता है। इन्हें आजकल जीएम फसल कहते है।
बड़ोपल पुलिस चौकी इंचार्ज खादीराम ने कहा कि हमने कृषि विभाग की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित बीज कहां से लेकर आया। इसकी पूछताछ की जा रही है। कृषि एवं किसान किसान कल्याण विभाग के एसडीओ भीम सिंह कुलडिय़ा ने कहा कि किसान की शिकायत पर नकली बीज बेचने वाले को रंगे हाथों पकडकर पुलिस को सौंप दिया।