कीमोथेरपी से बाल न गिरें, टाटा मेमोरियल अस्पताल ने शुरू किया परीक्षण

tata-memorial-hospमुंबई,  टाटा मेमोरियल अस्पताल ने शीतलन तकनीक से युक्त टोपी का क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। इसका उद्देश्य यह समझना है कि कैंसर मरीजों के उपचार क्रम में होने वाली कीमोथेरपी के दौरान इस तकनीक की मदद से बाल गिरने में कमी आती है या नहीं। इस कदम से आने वाले समय में कैंसर पीड़ितों और खासकर महिलाओं को लाभ मिल सकता है। संभावना है कि यह तकनीक सिर की त्वचा पर कीमोथेरपी के प्रभाव को रोकेगी, जिससे बाल कम गिरेंगे।

इस प्रयोग का उद्देश्य महिलाओं की मनोवैग्यानिक मदद करना है, जिनको बाल गिरने का डर होता है। अस्पताल की एक चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कैंसर का पता लगने के बाद महिला पहले से परेशान होती हैं तथा इस प्रकार के स्पष्ट तौर पर दिखने वाले परिवर्तन से स्थिति और खराब हो जाती है। टीएमएच के मेडिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर ज्योति वाजपेयी ने से कहा, हमने इस प्रयोग के लिए स्तन कंैसर से पीड़ित चार महिलाओं को चुना है।

वे इलाज के प्रारंभिक चरण में हैं और उपचार शुरू हो गया है। महिलाओं ने प्रयोग में हिस्सा लेने को लेकर अपनी सहमति दी है। हम इन महिलाओं का रिकार्ड रख रहे हैं ताकि ऐसी महिलाओं के साथ तुलना की जा सके जो इसी समस्या से पीड़ित हैं और शीतलन प्रणाली पर आधारित तकनीक का उपयोग नहीं कर रही हैं। परिणाम सकारात्मक रहने पर इसे देशभर में लागू किया जाएगा।

Related Articles

Back to top button