प्रयागराज, संगम की रेती पर चल रहे प्रयाग कुंभ मेले में अवधूत और तरह तरह के साधु यहां आने वाले श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हैं। इनमें एक साधू ऐसा भी है जो स्टेच्यू आफ लिबर्टी की तरह आसमान की तरफ ऊंगली से इशारा करते हुए खड़े हैं ।
उनका दावा है कि वह पिछले आठ साल से इसी मुद्रा में खड़े है। वर्ष 2011 से उनकी इस मुद्रा का उद्देश्य विश्व शांति है। महंत राधे पुरी ने कहा कि यह एक तरह की तपस्या है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मुख्य उद्देश्य पूरे विश्व में शांति सुनिश्चित करना और विश्व के सभी नागरिकों के कल्याण के लिए प्रार्थना करना है।’’
पूरी ने जोर देकर कहा कि जब तक संपूर्ण विश्व में शांति सुनिश्चित नहीं हो जायेगी तब तक वह अपनी तपस्या जारी रखेंगे। साधु ने कहा, ‘यह एक तरह की अखंड तपस्या है। मैं इस मुद्रा में दिन और रात खड़ा रहता हूं।’’