टारौबा, अगले टी20 विश्व कप से पहले भारत की अति आक्रामक बल्लेबाज़ी के रणनीति के चलते अगर एक-आध असफलता भी रोहित शर्मा की टीम के हाथ लगे, तो भी यह भारतीय कप्तान को मंज़ूर है। टारौबा में एक मुश्किल पिच पर लगातार विकेटों के पतन के बावजूद ख़ुद रोहित (44 गेंदों पर 64 रन) और दिनेश कार्तिक (19 गेंदों पर 41 नाबाद) ने अपनी पारियों के दौरान इसी नीति को प्रदर्शित किया।
रोहित ने मैच के बाद प्रेज़ेंटेशन के दौरान कहा, “हम पहले छह ओवर, उसके बाद मिडिल ओवर और फिर पारी की समाप्ति में एक रणनीति के तहत बल्लेबाज़ी करना चाहते हैं। यह गेम के तीन पहलू हैं जहां हम हर खिलाड़ी से विशेष भूमिका की उम्मीद रखते हैं। आज हमने ऐसा किया और सफल रहे लेकिन ऐसा हर बार नहीं होगा। इस काम में एक-आध असफलता भी हमारे हाथ लगेगी लेकिन यह ठीक है।”
भारत ने 2022 में टी20 क्रिकेट खेलते हुए 9.46 प्रति ओवर के दर से बल्लेबाज़ी की है और यह किसी भी ऐसे साल जहां भारत ने एक से ज़्यादा टी20 अंतर्राष्ट्रीय खेला हो, उसमें सर्वाधिक है। इस वर्ष केवल न्यूज़ीलैंड (10.21) ने भारत से तेज़ी से रन बनाए हैं। हालांकि रोहित ने अपने बल्लेबाज़ों को मुश्किल पिचों पर अपने गेम को बदलने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा, “हमें समझना होगा कि हम कैसी पिच पर खेल रहे हैं। कुछ पिचों पर आप इतनी आक्रामक बल्लेबाज़ी नहीं कर सकते हैं और ऐसे में आपको अपने कौशल पर भरोसा जताते हुए धैर्य के साथ काम लेना होगा। हमारे प्लेयर्स हर तरह की पिचों पर खेलने के आदी हैं और वह मिडिल ओवर्स में कुशलता के साथ खेल सकते हैं।” कार्तिक की पारी ने भारत को 16 ओवरों में 138 पर छह की स्थिति से अगले चार ओवरों में 190 तक पहुंचाया। रोहित के अनुसार पारी के बीचों-बीच ऐसा लग नहीं रहा था कि भारत इस स्कोर तक पहुंचेगा।’
रोहित ने कहा, “हमें पता था यह पिच आसान नहीं। शुरुआत से ही शॉट लगाना मुश्किल था और स्पिनरों के लिए मदद होने की वजह से बहुत ज़रूरी था कि सेट बल्लेबाज़ देर तक खेल सकें। ऐसे में 190 तक जाना एक बहुत प्रशंसनीय प्रयास था क्योंकि जब हमने पहले 10 ओवर खेल लिए थे, तब मुझे ऐसा लग नहीं रहा था कि इस पिच पर 170-180 तक भी बनेंगे। हमने मेहनत की, क्रीज़ पर डटे रहे और अपने कौशल के आधार पर एक बड़ा लक्ष्य रखा जो विरोधी टीम के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित हुई।”