जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड अबू कासिम उर्फ अबुर रहमान मारा गया। मुठभेड करीब 9 घंटे चली ़ जिसमें यूपी के मथुरा, गोवर्धन का लाल समोद सिंह शहीद हो गया। कासिम उधमपुर में बीएसएफ बस पर हमले का मास्टरमाइंड भी था। सेना और पुलिस को लंबे समय से अबू कासिम की तलाश थी। उस पर 20 लाख रुपये का इनाम रखा गया था। उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए सेना ने बुधवार शाम बांडीपोर के जंगलों में एक बड़ा अभियान छेड़ा था।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के बहावलपुर के रहने वाले 28 वर्षीय कासिम और उसके एक सहयोगी के बांडीपोर कस्बे से करीब पांच किलोमीटर दूर बुठु के जंगल में छिपे होने की पुख्ता सूचना मिली। सेना की 14 आरआर और जे एंड के की एसओजी टीम ने कासिम को जिंदा या मुर्दा पकड़ने का अभियान ष्षुरु किया। अभियान में सात पैरा कमांडो, हेलीकॉप्टर और खोजी कुतों की भी मदद ली गई। बुठु के जंगल में शाम सुरक्षा बलों के साथ आतंकवादियों की मुठभेड़ मे 14 आरआर के राइफलमैन समोद सिंह ने नजदीक जाकर आतंकियों पर फायर करने का प्रयास किया, लेकिन वह आतंकियों की गोली से घायल हो गया। उन्हें तुरंत श्रीनगर स्थित सेना के बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। समोद मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र के गांव भबनपुरा के रहने वाले थे। परिजनों को समोद के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव भबनपुरा शोक में डूब गया। परिवार में दो भाइयों में समोद छोटा था। बड़े भाई प्रमोद का कहना है कि समोद का शुरू से ही सेना में कुछ कर दिखाने का सपना था। आज देश के लिए शहीद होकर उसने वह कर दिखाया।