नई दिल्ली, राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जनता दल युनाइटेड (जद-यू) नेता शरद यादव ने कहा कि कर नहीं जमा किया जा रहा है और कृषि आय के नाम पर काला धन बनाया जा रहा है। सरकार को कुछ करना चाहिए। यह गंभीर मामला है। यादव ने कहा, मेरे गांव में कई व्यापारी खेती कर टैक्स बचा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने कहा कि इस आरोप की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। मायावती ने कहा, उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और जिसने भी कृषि के नाम पर काला धन बनाया हो, उसे पकड़ा जाना चाहिए। समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव ने सतर्क करते हुए कहा कि इस मामले का उपयोग हालांकि किसानों पर कर लगाने में नहीं किया जाना चाहिए।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि सरकार कुछ ऐसे प्रतिष्ठित लोगों के मामले की जांच कर रही है, जो अपनी कर योग्य आय को कृषि आय के नाम पर छिपा रहे हैं। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि किसानों पर कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। जेटली का यह बयान सांसदों द्वारा एक रिपोर्ट का हवाला देने के बाद आया, जिसमें कहा गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) आयकर रिटर्न में एक करोड़ रुपये से अधिक की कृषि आय के दावों की सच्चाई की जांच कर रहा है।
जेटली ने स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार का कृषि आय पर कर लगाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन यदि कोई गैर-कृषि आय को कृषि आय के रूप में दिखा रहा है, तो उसकी जांच होगी। जेटली ने सदन को आश्वस्त किया, कृषि क्षेत्र की स्थिति को देखते हुए किसानों पर आयकर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा, यदि कोई इस प्रावधान का दुरुपयोग करता है और गैर-कृषि आय को कृषि आय के रूप में दिखाता है, तो हम उस विशेष मामलों की जांच करेंगे। मंत्री ने कहा, मैं यह भी बताना चाहता हूं कि कई प्रतिष्ठित लोगों ने भी यह काम किया है और यह जांच उनके विरुद्ध है। जब जांच पूरी होगी और सच्चाई सामने आएगी, तब इसे राजनैतिक बदले की कार्रवाई मत कहिएगा। इस बयान पर दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य कांग्रेस नेता भड़क गए। दिग्विजय सिंह ने कहा, उन्हें पहले काला धन रखने वालों के नाम जाहिर करने दीजिए। वह पहले भी देश को गुमराह कर चुके हैं और एक बार फिर देश को गुमराह करने चले हैं।