बरेली, केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत नकवी ने अब तलाक पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए मेरा हक संस्था के जरिये लडाई लडने की घोषणा की है। यह संस्था किसी भी धर्म या जाति की तलाकशुदा और मुस्लिम समाज की तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को एफआई आर दर्ज करने से लेकर मुफ्त में कानूनी सहायता उपलब्ध करायेगी। मेरा हक ने सबसे पहले बरेली की तीन तलाक पीड़िता इंशा खान की कानूनी लड़ाई लडने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर न्याय दिलाने का भरोसा भी दिलाया। उन्होंने कहा कि तलाक समाज के लिए नासूर बन चुका है।
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मुस्लिम और हिन्दू समाज में तलाक के बारे में तमाम लोगों को जानकारी ही नहीं है। इसके गलत इस्तेमाल से लाखों महिलाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही है। सुश्री नकवी ने समाज से तलाक का कलंक मिटाने का संकल्प लिया है। सुश्री नकवी ने बताया कि क्षेत्र के मटकी चौकी निवासी इंशा खान के पति अकरम खां ने छह महीने पहले तलाक दे दिया था। दहेज की वापसी नहीं की और न ही मेहर की रकम अदा की। उन्होंने कहा कि ऐसी तलाकशुदा महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी न्याय दिलाने की बात करेंगी।
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सुश्री नकवी ने यहां पत्रकारों को बताया कि वह इस संवेदनशील मुद्दे पर कुछ अलग हटकर करना चाहती हैं। उनका कहना है, हिन्दू और मुस्लिम समाज में शिक्षा की कमी के कारण छोटी-छोटी बातों पर तलाक दिया जा रहा है। इसमें दोनों ही धर्म की महिलाएं आती हैं। इन्हें न्याय दिलाने की कोशिश काफी समय से चल रही है लेकिन अब आगे तलाक से किसी और महिला की जिंदगी बर्बाद न हो, इसलिए तलाक के खिलाफ युवाओं को जागरूक किया जाएगा। यह मुहिम देश भर में तलाक पीड़ित महिलाओं के सहयोग से चलेगी।
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लंबे समय से समाजसेवा करने वाली फरहत नकवी ने कहा, एक-दूसरे पर दोष मढने से समस्या का हल नहीं होगा। इसलिए इस मर्ज को जड़ से खत्म करने के लिए युवाओं को भी आगे आना होगा। समाज से तलाक का कलंक मिटाने के बाद ही सुकून से वह सकून की सांस लेंगी। इसके अलावा शहर के आला हजरत खानदान की बहू रही निदा खान ने भी तलाक से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए संगठन बनाकर लड़ाई लडने का एलान किया है। यह संगठन तलाक पीड़ित महिलाओं की ह़क के लिए अदालत में पैरवी करेगा।
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निदा खान और आला हजरत खानदान के तलाक से पूर्व के पति शीरान रजा खां के बीच तलाक को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है। निदा ने दहेज वापस न करने का आरोप लगाते हुए फैमिली अदालत में वाद दायर किया है। निदा खान ने कल शाम यहां पत्रकारों को बताया की तलाक पीड़ित महिलाओं की हक के लिए वह निरंतर अदालतों में पैरवी कर रहीं है। उनका मानना है कि लड़ाई लम्बी चलेगी, इस लड़ाई को अब अकेले लडना संभव नहीं है। इसलिए संगठन की जरुरत है। सुश्री खान ने कहा कि इसमें पीड़ित महिलाएं ही सदस्य होंगी। उन्होंने दावा किया कि तलाक पीड़ित महिलाओं के हक की लड़ाई लखनऊ और दिल्ली तक लड़ी जाएगी।
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