लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को नोटबंदी को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले की वजह से किसानों व मजदूरों की कमर टूट गई है। यह संकट सरकार का पैदा किया हुआ है।
लोक भवन में कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने ये बातें कही। अखिलेश की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। अखिलेश ने कहा कि नोटबंदी की वजह से किसान, गरीब और मजदूर वर्ग परेशान हैं। कोऑपरेटिव बैंकों से नोट बदलने से रोक लगाकर केंद्र ने किसानों की तकलीफ बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से किसानों की तकलीफ को ध्यान में रखते हुए कोऑपरेटिव बैंकों से भी नोट के लेनदेन की छूट दिए जाने की मांग की। बोवाई के समय किसान सबसे अधिक परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि यदि मुश्किल समय में किसानों की मदद सरकार ने नहीं की तो देश का आर्थिक गणित गड़बड़ हो जाएगा। आर्थिक आंकड़ों में देश अन्य देशों की तुलना में पीछे चला जाएगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उप्र देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां सबसे अधिक बैंकों की शाखाएं हैं। केंद्र सरकार यदि राज्य सरकार को यह बता दे कि किन बैंकों कितने नए नोट पहुंचे हैं तो अच्छा होगा। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार ने आधी अधूरी तैयारी के साथ इतना बड़ा फैसला कर सबको आर्थिक संकट में डाल दिया है। उन्होंने कहा, सरकार ने यह फैसला बिना तैयारी के ही कर लिया। हमें डर है कि कहीं सीमा पर भी आधे अधूरे फैसले के साथ ही कुछ हो गया तो क्या होगा?
सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव की वापसी को लेकर अखिलेश ने कहा कि परिवार के भीतर सबकुछ सही है। सभी लोग एक ही चुनाव चिन्ह साइकिल के साथ चुनाव में जाएंगे और उप्र में एक बार फिर सपा की सरकार बनेगी। भाजपा की परिवर्तन यात्रा पर चुटकी लेते हुए अखिलेश ने कहा, हमारा तो एक ही रथ निकला है। बाकी लोग तो कई रथों से घूम रहे हैं, लेकिन वह जनता को अपनी उपलबिध्यां बताने में नाकाम साबित हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जनता के लिए कुछ किया ही नहीं है।