नई दिल्ली,जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संविधान के दायरे से बाहर जाकर बातें करना ठीक नहीं है।भाजपा के कुछ सांसदों एवं कुछ मंत्रियों पर उकसाऊ बयान देने के आरोपों का जिक्र करते हुए जदयू अध्यक्ष ने कहा कि संविधान की शपथ लेने के बाद संविधान के दायरे से बाहर जाकर बातें करना और लगातार ऐसी बातें करना ठीक नहीं है। एक तरफ विकास की बात तो दूसरी तरफ संविधान के दायरे से बाहर जाकर बातें कहना… यही बातें तो सामने आ रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पिछले करीब 2 वर्षों के दौरान जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि विकास और जनता के सरोकारों से जुड़े कार्यों को आगे बढ़ाने की बजाए सत्तापक्ष से जुड़े लोग संविधान के दायरे से बाहर जाकर बातें कहने में जुटे हैं जिससे जनता का विश्वास टूटता है।
शरद यादव ने साक्षात्कार में कहा कि चुनाव में किए गए वादों को पूरा नहीं करने से और सत्तापक्ष (केंद्र सरकार) से जुड़े लोगों द्वारा लगातार संविधान के दायरे से बाहर जाकर बातें कहने से जनता का विश्वास टूटता है, लोकतंत्र से भरोसा उठता है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनाव के समय जो वादे जनता से किए थे, वे जमीन पर पूरा होते नहीं दिख रहे हैं। 2 करोड़ रोजगार का वादा पूरा नहीं हुआ, किसानों को फसल का डेढ़ गुणा कीमत देने का वादा पूरा नहीं हुआ और कालाधन लाने और 15 लाख रुपए खाते में देने की बात को तो सत्तारूढ़भाजपा ने ‘जुमला’ करार दे ही दिया है।