नई दिल्ली, केन्द्रीय कपड़ा राज्यमंत्री अजय टम्टा ने कहा है कि केंद्र सरकार की हथकरघा संवर्द्धन सहायता स्कीम के तहत बुनकर नये करघों की लागत का 90 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार कपड़ा बुनकरों के कल्याण के लिए कई कदम उठा रही है। तीसरे राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर गुवाहाटी में आयोजित मुख्य कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए टम्टा ने कहा कि वह सिर्फ उनकी सराहना ही नहीं करते बल्कि कपड़ा बुनकरों की प्रतिबद्धता, समर्पण और कौशल को भी सलाम करते हैं।
अजय टम्टा ने कहा कि कपड़ा बुनकर अपने उत्पादों के उचित मूल्य पाने को सक्षम हो सकें, इस दिशा में सरकार काम कर रही है। बुनकरों के कल्याण के लिए विभिन्न पहल की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की मुद्रा स्कीम के तहत 50 हजार रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा बुनकरों के लिए उपलब्ध है, जिसके लिए किसी तरह की सुरक्षा राशि की जरूरत नहीं है। उन्होंने बुनकरों को बताया कि कपड़ा मंत्रालय ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग में बुनकरों के बच्चे जो स्कूल और विश्वविद्यालय शिक्षा में पा रहे हैं, उनकी फीस का 75 फीसदी भुगतान सरकार द्वारा करने के लिए उनके साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
टम्टा ने असम के मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि असम के बुनकरों के कल्याण के लिए राज्य की सभी जरूरत को केन्द्र पूरा करेगा। इस अवसर पर कपड़ा मंत्रालय और सामान्य सेवा केन्द्रों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत बुनकरों को एक ही छत की नीचे यानी वीवर सर्विस सेंटर से सरकारी सेवाएं मिलेंगी। डब्ल्यूएससी बुनकरों के लिए एक केन्द्र है जो विभिन्न सेवाएं देता है जिसमें बैंकिंग, पासपोर्ट, बीमा, पैन कार्ड, पहचान पत्र और आधार शामिल है। डब्ल्यूएससी के तहत ऑनलाइन कोर्स चलाया जा रहा है, जिससे बुनकर अपने बिजली बिलों का भुगतान भी कर सकें।