केजीएमयू- दलित छात्र की मां ने, बेटे की मौत के जिम्मेदार प्रोफेसरों के बताये नाम ?
August 24, 2017
लखनऊ, योगी सरकार की नाक के नीचे, लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी मे एक और दलित एमबीबीएस के छात्र ने रोहित वेमुला की तरह जातीय भेदभावपूर्ण बर्ताव के कारण आत्महत्या कर ली है। दलित छात्र की मां ने अपने बेटे की मौत के लिये जिम्मेदार केजीएमयू के तीन प्रोफेसरों को जिम्मेदार बताया है।
दलित छात्र अजयदीप आर्य की मां डॉ. कुसुम लता का आरोप है कि फिजियोलॉजी के हेड समेत दो प्रोफेसर, एक ऑप्थैल्मोलॉजी और गाइनीकोलॉजी विभाग के शिक्षक के भेदभावपूर्ण बर्ताव के कारण मेरे बेटे ने आत्महत्या कर ली। मां डॉ. कुसुम लता ने आप्थेमोलॉजी, फिजियोलॉजी और गाइकोनॉलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ सुनीता तिवारी, विनीता सिंह और विनीता दास पर जातीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया है । उन्होने इसकी लिखित शिकायत कुलपति कार्यालय में की है।
डॉ. कुसुम लता ने बताया कि उनके बेटे अजय दीप आर्या का 2007 में केजीएमयू में दाखिल हुआ था। आरक्षित श्रेणी में उसकी 10वी रैंक आई थी। उन्होने केजीएमयू की फैकल्टी पर आरोप लगाते हुये कहा कि पहले वर्ष उसे परीक्षा में अटेंडेंस शार्ट होने के चलते बैठने नहीं दिया गया। जबकि दूसरे वर्ष परीक्षा के समय ही अजय के छोटे भाई की मौत हो गई। उन्होने बताया कि उसके बाद भी तृतीय वर्ष अच्छे पेपर हुए।
उन्होने बताया कि तीनों शिक्षकों ने उससे जातिगत टिप्पणी की। इसके चलते अजय बहुत परेशान हो गया। शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण ही वह डिप्रेशन में चला गया और वह शराब का आदी हो गया। पिछले डेढ़ माह पहले उसे इंफेक्शन हो गया और दिल्ली में निजी अस्पताल में एक महीने इलाज चला, लेकिन 15 अगस्त को उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि इस बार अजय का अंतिम वर्ष था और उसकी इसी जून में शादी हुई थी।
डॉ. कुसुम लता ने कहा है केजीएमयू में बहुत जातिवाद है। फिजियोलॉजी विभाग के डॉक्टर हॉस्टल तक में दूसरे बच्चों के साथ खाने को लेकर भी क्लास में टिप्पणी करते थे। डॉ. कुसुमलता दोपहर में केजीएमयू कुलपति कार्यालय गई। उन्होंने बताया कि वीसी से मुलाकात के लिए काफी इंतजार किया, लेकिन वह नही मिले। तब उन्होंने लिखित शिकायती पत्र कुलपति कार्यालय में रिसीव कराया।