केजीएमयू में 11 माह के शिशु के फेफड़ों की हुई जटिल सर्जरी, नया जीवन मिला

लखनऊ, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग ने एक बार फिर अपनी चिकित्सकीय दक्षता का परिचय देते हुए 11 माह के एक शिशु की जटिल फेफड़ों की सर्जरी सफलतापूर्वक कर उसे नया जीवन दिया है। सर्जरी के बाद बच्चा स्वास्थ्य लाभ पर है।
रायबरेली निवासी रामअचल मौर्य के पुत्र विराट मौर्य पिछले एक माह से सांस लेने में गंभीर परेशानी से जूझ रहा था। इससे पहले उसका एक माह तक स्थानीय स्तर पर इलाज चला, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ। हालत बिगड़ने पर उसे एम्स रायबरेली ले जाया गया, जहां आठ दिनों तक वेंटिलेटर पर रखने के बाद चिकित्सकों ने फेफड़ों की गंभीर समस्या बताते हुए सर्जरी की आवश्यकता जताई और केजीएमयू लखनऊ रेफर किया।
बीते 21 नवंबर को परिजनों ने शिशु को केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया। जांच के दौरान एक्स-रे और एमआरआई से यह स्पष्ट हुआ कि शिशु के बाएं फेफड़े में लोबर एम्फायसेमा नामक दुर्लभ और गंभीर बीमारी है, जिसमें फेफड़े का एक हिस्सा अत्यधिक फूल जाता है और सांस लेने में गंभीर बाधा उत्पन्न करता है जिसके बाद विभाग प्रमुख प्रो जेडी रावत के निर्देशन में बीते 3 दिसंबर 2025 को पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने थोरेकोस्कोपिक विधि से जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सर्जरी लगभग तीन घंटे चली। ऑपरेशन के बाद शिशु को 2–3 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया और फिर ऑक्सीजन सपोर्ट पर स्थानांतरित किया गया। धीरे-धीरे उसकी स्थिति में सुधार हुआ और अब शिशु पूरी तरह स्वस्थ है। उसे जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा रहा है।
इस सफल सर्जरी में डॉ. जे.डी. रावत, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. कृति पटेल और डॉ. मनीष राजपूत की अहम भूमिका रही। एनेस्थीसिया टीम में डॉ. सतीश वर्मा शामिल रहे, जबकि नर्सिंग स्टाफ में अंजू वर्मा, संजय और डैली गौतम ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। ऑपरेशन के बाद वेंटिलेटर देखभाल बाल रोग विभाग के डॉ. एस.ए. एन. सिंह और डॉ. शालिनी त्रिपाठी के मार्गदर्शन में की गई।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. जे.डी. रावत ने पूरी टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी। वहीं कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद और प्रति कुलपति डॉ. अपूर्व कोर ने भी सर्जरी की सफलता पर पूरी चिकित्सकीय टीम को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।





