14 वर्षीय कैंसर से पीड़ित बेटी श्वेता वर्मा के इलाज के लिए पैसे इकट्ठा करने के एक बेबस बाप बूट पॉलिश करने को मजबूर है.पिछले दो दिन से वह लोगों के जूते पॉलिश कर बेटी के इलाज के लिए पैसे जुटाने में लगा हुआ है.गाजीपुर शहर के टेढ़ी बाजार निवासी सुरेश प्रसाद वर्मा की बेटी नवीं की छात्रा श्वेता के ब्लड कैंसर के इलाज के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सिटी रेलवे स्टेशन के बाहर मार्मिक बैनर लगाकर लोगों को बताया कि श्वेता को डेढ़ साल पहले ब्लड कैंसर होने की पुष्टि हुई. बीएचयू से लेकर एम्स तक इलाज कराने में सारे पैसे खर्च हो गए.
दूसरे की दुकान पर मजदूरी करने वाले श्वेता के पिता सुरेश वर्मा ने कर्ज लेकर पटना के महावीर कैंसर हॉस्पिटल में इलाज शुरू कराया. रेल राज्यमत्री मनोज सिन्हा की ओर से गत वर्ष 26 अगस्त 2014 को एक पत्र प्रधानमंत्री को लिखकर राष्ट्रीय राहत कोष से सहयोग करने का अनुरोध किया गया, लेकिन अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला.
उधर, मंत्री विजय मिश्र की ओर से भी मुख्यमंत्री को इलाज में मदद करने का अनुरोध किया गया. इधर, श्वेता की तबियत और नाजुक होने पर परिजनों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से सम्पर्क साधा. पुन: मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के बाद बूट पॉलिश का निर्णय लिया गया. कभी सिटी रेलवे स्टेशन तो कभी जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर यह बेबस बाप कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बूट पॉलिश कर अपनी 14 वर्षीय कैंसर से पीड़ित बेटी श्वेता वर्मा के इलाज के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा है.कुछ लोगों ने मदद का हाथ भी बढ़ाया है, लेकिन तमाम गुहारों के बावजूद केंद्र या राज्य सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की गई. शायद यही वजह है की इस बेबस बाप को बूट पॉलिश करनी पड़ रही है.जब संविधान में देश के हर अभावग्रस्त मरीज को नि:शुल्क इलाज का प्रावधान है फिर ऐसे गरीब लोग इलाज के अभाव में मर क्यों रहे हैं.