मुंबई, अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री नरगिस दत्त की बेटी प्रिया दत्त का कहना है कि कैंसर जैसी भयानक बीमारी से उबरे लोगों को जितना जल्दी हो सके फिर से सामान्य जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए। प्रिया ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैंसर के मरीजों को इलाज के दौरान मौत के बारे में बारे में सोचकर भयभीत होने के बजाय सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। राजनेता नरगिस दत्त फाउंडेशन के सहयोग से रिचफील द्वारा आयोजित सामाजिक अभियान माई हेयर फॉर कैंसर में शामिल हुईं। इस अभियान का उद्देश्य कैंसर के जो मरीज कीमोथेरेपी के दौरान अपने बाल खो देते हैं, उन्हें इस परिस्थिति का सामना करने के संबंध में जागरूक करना था।
बाल झड़ जाने से मरीजों का न सिर्फ व्यक्त्वि प्रभावित होता है, बल्कि आत्मविश्वास में भी कमी आती है, जिससे वे मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं। इस संबंध में प्रिया ने बताया, मुझे लगता है कि परिवार या किसी प्रियजन का सहयोग बहुत जरूरी है। मेरी मां कैंसर के कारण चल बसीं और मैंने इस स्थिति को बहुत करीब से देखा है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि मरीजों को धैर्य नहीं खोना चाहिए और उनेक परिवार को भी उनके साथ मजबूती से खड़ा रहना चाहिए..शोक में नहीं डूबें और जैसे ही इलाज खत्म हो, सामान्य जीवन की ओर लौटें।
इस कार्यक्रम में कैंसर का सामना कर चुकीं अभिनेत्री मनीषा कोईराला और रिचफील के संस्थापक अपूर्व शाह भी शामिल हुए। इस बारे में शाह ने कहा, बाल और त्वचा मानव शरीर के दो मुख्य भाग होते हैं, जिनसे आपकी छवि बनती है, आपको आत्मविश्वास मिलता है, आत्मसम्मान बढ़ता है। उन्होंने कहा कि जब उनकी मां को कैंसर हुआ था, तो वे अपने बालों को खोने से डरती थीं, इसलिए रिचफील (कंपनी) के जरिए ऐसे मरीजों को बाल और उनका आत्मविश्वास लौटाने की कोशिश की जाती है।
मनीषा ने इस अभियान से जुड़ने के बारे में कहा, नरगिस दत्त फाउंडेशन में अपना योगदान देना मेरा सपना था। मैं कैंसर से उबरने वाली शख्स हूं। मैं कैंसर के हर मरीज से बस यही कहना चाहती हूं ..अपनी इच्छाशक्ति मजबूत रखें, यह संघर्ष आप जरूर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कीमोथेरेपी से घबराने की जरूरत नहीं है और इसका उदाहरण वह (मनीषा) खुद हैं।