कैसे बने  योगी आदित्‍यनाथ  सीएम, तेजी से बदले समीकरण

yogi adityanathळखनऊ,  योगी आदित्‍यनाथ की शख्सियत की तरह, उनके सीएम बनने की कहानी भी कम दिलचस्प नही है. सूत्रों के मुताबिक योगी आदित्‍यनाथ इस पद के लिए आलाकमान की पहली पसंद नहीं थे. इससे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह केंद्र सरकार में मंत्री मनोज सिन्‍हा को मुख्‍यमंत्री बनाने का मन बना चुके थे और वह इस रेस में अंतिम क्षणों तक सबसे आगे भी दिखाई दे रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि संघ इस नाम पर मुहर लगाने से हिचक रहा था. सूत्रों के मुताबिक संघ बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद यूपी में एक कद्दावर राजनीतिक शख्सियत के हाथों में कमान देखना चाहता था और इस वजह से सिन्‍हा के नाम पर सहमति नहीं बन पाई. इसीलिये, दोपहर तक मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे था.

लेकिन गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ को चार्टर्ड फ्लाइट से दिल्ली बुलाए जाने के बाद सब बदलने लगा. गोरखपुर से दिल्ली आने के बाद जब योगी लखनऊ जा रहे थे तब सीधे कुछ भी नहीं बोले यहां तक कि लखनऊ जाने से पहले नए उप मुख्यमंत्री भी सवालों को गोलमोल घुमाते रहे. लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे रेस में मनोज सिन्हा पीछे जाते रहे और योगी आदित्यनाथ आगे. उधर, बीजेपी के लखनऊ दफ़्तर के सामने योगी जी के समर्थक माहौल भी बनाते रहे. सस्पेंस बढ़ता रहता है. मौर्य और योगी साथ लखनऊ पहुंचते हैं. वेंकैया से मीटिंग होती है और फिर शाम को बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लगी, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

योगी का असली नाम अजयमोहन सिंह बिष्ट है. योगी उत्तराखंड के एक छोटे से गांव मेंराजपूत परिवार  मे जन्म लिया.वह गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं.उन्होने  हिन्दू युवा वाहिनी की स्थापना की है. गोरखपुर से 5 बार सांसद रहे योगी, 1998 में पहली बार सांसद बने थे.

 

 

 

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