लखनऊ, समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) को लेकर ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और केन्द्र सरकार के बीच जारी कानूनी जंग के बीच समाजवादी पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज कहा कि इस मसले को धर्मगुरुओं पर छोड़ दिया जाना चाहिये। यादव ने सपा राज्य मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में समान नागरिक संहिता को लेकर जारी बहस के बारे में पूछे जाने पर कहा कि अभी वह इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन इतना जरूर है कि इसे लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिये। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे को धार्मिक नेताओं पर छोड़ देना चाहिये। देश और इंसानियत के सवाल पर सबको एकजुट रहना चाहिये।
सपा मुखिया ने कहा कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा पूर्व में भी उछाला जाता रहा है। उन्होंने एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि एक बार समाजवादी चिंतक राम मनोहर लोहिया का पुणे के पास एक शहर में कार्यक्रम था। तब वहां इसी मुद्दे को लेकर हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच काफी तनाव था। बड़ी संख्या में लोग लोहिया को सुनने आये थे। उन्होंने बताया कि लोहिया ने अपने भाषण में कहा था कि कुरान, गीता और रामायण सभी में इंसानियत का पाठ सिखाया गया है। सभी लोग अपने-अपने धर्मों की रस्सी मजबूती से थामकर चलें और मिलजुलकर रहें। लोहिया के वचनों का दोनों समुदायों पर ऐसा गहरा असर हुआ कि अगली सुबह तक तनाव बिल्कुल खत्म हो गया।
ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और देश के कुछ दूसरे प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली का बहिष्कार करते हुए केन्द्र की भाजपा नीत सरकार पर उनके समुदाय के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया था। बोर्ड ने इस मसले पर आज से देश में एक हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है।