नई दिल्ली, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक राजन एस. मैथ्यू ने कहा कि कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए कई दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 100 दिवसीय योजना का क्रियान्वयन किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। कॉल ड्रॉप मुद्दे का जायजा लेने के लिए दूरसंचार कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ संचार मंत्री मनोज सिन्हा की एक नवम्बर को होने वाली बैठक से पहले मैथ्यू ने कहा, कई कंपनियों ने 100 दिवसीय योजना का क्रियान्वन किया है, जिससे कॉल ड्रॉप की समस्या में काफी हद तक कमी आई है। उन्होंने कहा, लेकिन, लुटियंस दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली तथा कुछ अन्य स्थानों पर समस्या अभी भी बरकरार है। इससे पहले, दूरसंचार सचिव जे.एस.दीपक ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सूचना दी है कि कॉल ड्रॉप की समस्या में संतोषजनक सुधार आया है।
दीपक ने कहा, हमने जून में एक बैठक की थी। उन्होंने (दूरसंचार सेवा प्रदाताओं) हमें 100 दिवसीय योजना की जानकारी दी थी। ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, कॉल ड्रॉप की समस्या में काफी सुधार हुआ है। कुल 54 नेटवर्क दिसंबर 2015 में मानक के हिसाब से प्रदर्शन नहीं कर रहे थे और अब उनके प्रदर्शन में केवल 19 फीसदी की कमी रह गई है। कॉल ड्रॉप की समस्या में सुधार के लिए दूरसंचार कंपनियों ने सरकार को 100 दिनों के रोडमैप के बारे में बताया था। मनोज सिन्हा ने 25 जुलाई को कहा था, उन्होंने हमें आश्वस्त किया है कि कॉल ड्रॉप में सुधार के लिए दूरसंचार सचिव को 100 दिवसीय योजना के बारे में की गई प्रदिबद्धता पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा है कि 10 जून से लेकर अगले 100 दिनों के दौरान पूरे देश में अतिरिक्त लगभग 60,000 बीटीएस (बेस ट्रांससिवर स्टेशन) लगाए जाएंगे, जिनमें से 48,000 बीटीएस पहले 45 दिनों के अंदर लगाए जाएंगे। कॉल ड्रॉप की समस्या से पूरी तरह निजात दिलाने के लिए कंपनियों ने 60,000 बीटीएस लगाने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।