नयी दिल्ली, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक बाजार में ईंधनों खासतौर पर गैस की कीमत में उछाल के मद्देनजर भारत जैसी तेजी से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और कोयला गैसीकरण परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने की जरूरत है।
श्रीमती सीतारमण ने गुरुवार को नयी दिल्ली में कोयला मंत्रालय की कोयला खदान नीलामी के छठे दौर का शुभारंभ किया। इसमें कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी; कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे; कोयला सचिव अमृत लाल मीणा और अपर सचिव एम. नागराजू उपस्थित रहें। निविदा दस्तावेज की बिक्री तीन नवंबर, 2022 से शुरू होगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41 प्रतिशत की कमी आई है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि 141 कोयला खदानों की नीलामी से बारह राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। खनन क्षेत्र में सुधार हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं और वित्त मंत्रालय की ओर से गैसीकरण और वाणिज्यिक खनन में प्रोत्साहन के लिए हर संभव सहायता की जाएगी।
श्री जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक पद्धति ढूँढ रहा है। वित्त मंत्रालय ने कोयले के गैसीकरण के लिए 6000 करोड़ रुपये अन्वेषण प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान आज ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गई।
उन्होंने कहा कि पूर्व में नीलाम हो चुकी खदानों में उत्पादन शुरू हो गया है और आशा है कि अगले वर्ष तक नई खदानों से एक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होने लगेगा। इस वर्ष 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान लगा रहा है।
वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर में 133 कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गई थीं, जिनमें से 71 नई कोयला खदानें हैं और 62 कोयला खदानें वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरणों से चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत आठ कोयला खदानों को शामिल किया गया था, जिसके लिए पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं।