नई दिल्ली, दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में गुरुवार को जिंदल स्टील के सलाहकार आनंद गोयल सहित पांच लोगों को जमानत दे दी। विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने जेएसपीएल के तत्कालीन उपप्रबंधक सिद्धार्थ मदरा, उपमहाप्रबंधक राजीव अग्रवाल, निदेशक सुशील कुमार मारू और निहार स्टॉक्स के निदेशक बी.एस.एन. सूर्यनारायण को भी जमानत दे दी। अदालत ने आरोपियों से साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं करने और गवाहों को प्रभावित नहीं करने के निर्देश दिए।
अदालत ने आरोप-पत्र पर विचार करन के बाद 24 मार्च को आरोपियों को समन दिया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध किया था। अदालत ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, विश्वासघात और धोखाधड़ी सहित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आपराधिक कदाचार पर संज्ञान लिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि जिंदल रियलिटी द्वारा सौभाग्य मीडिया लि को दिए गए दो करोड़ रुपये मामले में पांच लोग भी शामिल थे।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि जिंदल स्टील एंड गगन स्पांज को झारखंड के अमारकोंडा मुर्गादंगल कोयला ब्लॉक आवंटित करने के मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव की कंपनी सौभाग्य मीडिया को पैसे दिए गए। अंतिम जांच रिपोर्ट अभियोजन पक्ष के गवाहों चार्टर्ड अकाउंटेंट और नई दिल्ली एग्जिम प्रा. लि के निदेशक सुरेश सिंघल के बयानों पर दर्ज की गई, जो इस मामले में सरकारी गवाह बन गए। अदालत जिंदल स्टील एंड गगन स्पांज को झारखंड की अमरकोंडा मुर्गादंगल कोयला आवंटित करने के मामले में सुनवाई कर रही थी।
इस मामले में कांग्रेस सांसद और उद्योगपति जिंदल के अलावा पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता आरोपी हैं। सीबीआई ने अप्रैल 2015 में जिंदल, कोड़ा, राव और गुप्ता के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था। अन्य आरोपियों में जिंदल रियलिटी के निदेशक राजीव जैन, गगन स्पांज के निदेशक गिरीश कुमार जुनेजा और आर.के.सर्राफ और सौभाग्य मीडिया के प्रबंध निदेशक के.रामकृष्णा शामिल हैं। इस मामले में पांच निजी कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किए गए। ये कंपनियां दिल्ली और हैदराबाद में हैं। हालांकि, आरोपियों ने आरोपों से इनकार किया है।