नई दिल्ली, कोयला घोटाले के दौरान पद के दुरुपयोग मामले में सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा की मुश्किल बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सिन्हा की भूमिका की जांच के लिए सीबीआइ को आदेश दिया है।
न्यायधीश एम बी लोकुर ने कहा कि पहली निगाह मे लगता है कि रंजीत सिन्हा ने सीबीआई निदेशक के तौर पर पद का दुरुपयोग किया था। अदालत ने सीबीआई से एसआईटी गठित कर रंजीत सिन्हा पर लगे आरोपों की प्रारंभिक जांच करने को कहा है। न्यायमूर्ति एमबी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ की तरफ से ये फैसला सुनाया गया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 जुलाई को इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था। उससे पहले अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा था कि पूर्व सीबीआई विशेष निदेशक एमएल शर्मा की अगुआई वाली जांच समिति ने पाया है कि इस घोटाले के हाई प्रोफाइल आरोपियों से सिन्हा ने मुलाकात की थी। इससे प्रथम दृष्ट्या यह संकेत मिलता है कि घोटाले की जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही रोहतगी ने कहा था कि रिपोर्ट में जांच समिति ने पाया है कि सिन्हा के आवास के आगंतुकों की पाई की डायरी असली है। हालांकि उन्होंने कहा था कि इस डायरी में दर्ज किए गए नामों की सच्चाई सुबूत के जरिये केवल कोर्ट ही तय कर सकता है।