नई दिल्ली, केंद्र सरकार का एक बार फिर मिशन कोहिनूर शुरु होगा। कुछ ही महीने पहले केंद्र की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में यह बताया गया कि वह ग्रेट ब्रिटेन से कोहिनूर को वापस नहीं ला सकती है लेकिन अब पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश के बाद इस बारे में नए सिरे से कोशिश शुरु किये जाने के संकेत दिए गए हैं। शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने एक उच्चस्तरीय बैठक की और आगे किस तरह से कदम बढ़ाये जाने चाहिए इस पर विचार विमर्श किया। उच्चस्तरीय बैठक में दोनों मंत्रियों ने कोहिनूर हीरे को वापस स्वदेश लाने की तमाम पहलुओं पर विचार विमर्श किया। हाल के महीनों में कई देशों ने जिस तरह से भारत से चोरी छिपे लाये गये पुरातत्व से जुड़े वस्तुओं, मूर्तियों आदि को लौटाने की पहल की है उससे हमारा यह भरोसा बढ़ा है कि कोहिनूर को भी एक दिन भारत लाया जा सकता है। लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इसके लिए क्या कदम उठाती है। खास तौर पर तब जब सरकार कोर्ट में स्वयं बता चुकी है कि कोहिनूर हीरे को ग्रेट ब्रिटेन को पंजाब के राजा ने बतौर उपहार भेंट किया था। सरकार की तरफ से यह भी बताया गया था कि अगर कोहिनूर को भारत लाया जाता है तो यह कई मामलों को खोल देगा। जिन देशों के सामान भारत में हैं वे वापस मांग सकते हैं। वैसे बाद में संस्कृति मंत्री ने संसद में बताया था कि विदेश मंत्रालय इसे वापस लाने की कोशिश कर रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा के दौरान भी मीडिया में इस बारे में काफी सवाल उठे थे कि क्या वह कोहिनूर का मुद्दा उठाएंगे या नहीं। भारतीय मीडिया में इस पर कई टिप्पणियों के प्रकाशित होने पर ब्रिटेन के कुछ समाचार पत्रों ने काफी तल्ख टिप्पणी की थी। उस समय पाकिस्तान की तरफ से भी यह खबर आई थी कि कोहिनूर पर असली हक उसका है।