आरएसएस पर हमेशा से पिछड़ों व दलितों को मिलने वाले आरक्षण को समाप्त करने की संभावना विभिन्न संगठनों द्वारा जतायी जाती रही है। आरएसएस सुप्रीमो द्वारा भी समय समय पर आरक्षण को समाप्त करने के या उसकी समीक्षा करने के बयान दिये जाते रहे हैं।
गुजरात में जुलाई 2015 में पटेल आंदोलन अचानक भड़का था। अगस्त में जबर्दस्त हिंसा भी हुई थी। पाटीदार कम्युनिटी ने ओबीसी कैटेगरी में रिजर्वेशन की मांग की। इस अांदोलन के नेता 22 साल के हार्दिक पटेल अक्टूबर से जेल में हैं। इसी बीच, एक चौंकाने वाली खबर सामने आई थी कि यह आंदोलन आरएसएस का एक ‘प्रयोग’ है ताकि आरक्षण की नीति बदली जा सके। आरएसएस के ऐसे पहले प्रयोग के लिए गुजरात ही सबसे सेफ स्टेट था। सेंट्रल आईबी की लीक हुई एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था। आईबी के एक अफसर ने बताया था कि गुजरात में आंदोलन के बाद आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण दिया जा सकता है। इससे ब्राह्मण, क्षत्रिय कम्युनिटी को फायदा मिलेगा। इसके परिणाम देखने के बाद इसे पूरे देश मे लागू किया जायेगा।