क्या नरेंद्र मोदी बन पाएंगे ”टाइम पर्सन ऑफ़ द ईयर” ?

25-1432529556-narendra-modi2प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 के टाइम मैगजीन के ‘पर्सन ऑफ द ईयर-2016’ के लिए रीडर ऑनलाइन सर्वे में जीत हासिल की है। रविवार को रात 12 बजे वोटिंग बंद होने के बाद ये डेटा सामने आया है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जीत अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ते हुए हासिल की है।

रविवार रात तक पीएम मोदी को ऑनलाइन सर्वे में सबसे अधिक 18 फीसदी वोट मिले है। वहीं दूसरे नंबर पर तीन शख्स रहे जिन्हें सिर्फ सात-सात फीसदी वोट मिले। इसमें बराक ओबामा, डोनाल्ड ट्रंप और जूलियन असांजे शामिल हैं। इस सर्वे में मार्क जुकरबर्ग को दो फीसदी और हेलरी किलंटन को चार फीसदी वोट मिले हैं।अमेरिकी पत्रिका हर साल अच्छे या खराब कारणों से समाचारों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले व्यक्ति को यह सम्मान प्रदान करती है। मोदी ने टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ़ द ईयर के लिए हुआ ऑनलाइन रीडर्स पोल जीत लिया है लेकिन ‘पर्सन ऑफ द ईयर-2016’ की घोषणा सात दिसंबर को होगी।

खास बात यह है कि यह जरूरी नही है कि रीडर्स पोल में जीता व्यक्ति, टाइम पर्सन ऑफ़ द ईयर हो जाये। यह सम्मान प्रदान करने के बारे में अंतिम निर्णय टाइम मैगजीन के संपादकों का ही होता है। इसकी पुष्टि इससे भी होती है कि  2011 के बाद रीडर्स पोल में जीता कोई भी व्यक्ति टाइम एडिटर्स को प्रभावित नहीं कर सका है और टाइम पर्सन ऑफ़ द ईयर नही बन सका है। टाइम मैगजीन के संपादकों का निर्णय ही सर्वोपरि है शायद इसी कारण से साल 2000 के बाद अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों में जो भी विजेता रहा है, वही टाइम पर्सन ऑफ़ द ईयर भी चुना गया है।

 

2014 में मोदी ने मैगजीन के पाठकों के चयन सर्वेक्षण में सबसे ज्यादा वोट मिले थे। करीब 50 लाख लोगों में से 16 प्रतिशत लोगों ने उन्हें चुना था। इसके अलावा 2015 के दौरान भी वह पाठकों के चयन सर्वे में दावेदार थे, लेकिन टाइम मैगजीन के संपादकों की ओर से अंतिम आठ लोगों की सूची में वह शामिल नहीं थे।इसलिये अब जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टाइम एडिटर्स को प्रभावित करें, तभी वह ‘पर्सन ऑफ द ईयर-2016’ हो सकतें हैं।

 

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