नई दिल्ली, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह उन राज्यों पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं जहां लोकसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। केरल, कर्नाटक, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु पर पार्टी काफी गंभीरता से ध्यान दे रही है और इसके लिए जो रणनीति बनाई गयी है उसके तहत शाह लगभग सौ दिनों का कार्यक्रम विभिन्न राज्यों के लिए बना रहे हैं जहां उनका प्रवास रहेगा। गुरुवार को शाह के घर पर केरल और हिमाचल प्रदेश के पार्टी नेताओं की बैठक में आगामी चुनावों को लेकर रणनीति बनी।हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं और वहां भाजपा अपनी सरकार बनने के प्रति आशावान है।
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वहां पार्टी ने हाल ही में विधानसभा उपचुनाव भी जीता है। भ्रष्टाचार के मामलों में जिस तरह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उलझे हुए हैं उससे कांग्रेस की छवि प्रभावित हुई है। इसके अलावा पहाड़ी राज्य में एक बार भाजपा तो एक बार कांग्रेस सत्ता में आती रही है। त्रिपुरा में पार्टी ने अपना आधार बढ़ाने के लिए अमित शाह के लगातार दौरे कराने की रणनीति बनाई है।
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पार्टी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिल रहे जनसमर्थन के बलबूते यहां भी पार्टी का आधार बढ़ाया जा सकता है। पश्चिम बंगाल में हुए पिछले कुछ चुनावों से भाजपा लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और हालिया उपचुनावों में वह एक तरह से मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी है। पार्टी को यहां से 12 प्रतिशत से ज्यादा मत हासिल हो रहे हैं और अब उसका सारा प्रयास वोट प्रतिशत थोड़ा और बढ़ाकर उसे सीटों में परिवर्तित करने का है।
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केरल में भी पार्टी लगातार संघर्ष कर अपना आधार बढ़ा रही है। पार्टी की पिछली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी राज्य में आयोजित की गयी थी। यहां अमित शाह के प्रवास के अलावा केंद्रीय मंत्रियों के लगातार कार्यक्रम आयोजित करने की रूपरेखा भी बनाई गई है।
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