क्यों बढ़ता जा रहा है, देश मे किसानों का आंदोलन?

नई दिल्ली, देश के कई राज्यों के किसान इन दिनों विरोध प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे हैं।  किसान सड़कों पर हैं। किसान खेती बाड़ी छोड़कर हड़ताल कर रहे हैं। सड़कों पर दूध बहाया जा रहा है तो कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई है।

 

अंबेडकर स्मारक मे मूर्ति लगवाने के पीछे छिपा है, बीजेपी का ये एजेण्डा

किसानों का कहना है कि कुछ महीने पहले हुई नोटबंदी ने उनकी कमर तोड़ दी है। अभी भी उन्हें उपज की सही कीमत नहीं मिल रही है। बैंकों के कर्ज ने उनकी हालत खस्ता कर दी है। कई सालों बाद पिछले साल बरसात अच्छी हुई तो खेतों में उपज भी भरपूर हुई, लेकिन, जब फसल बेचकर आमदनी का समय आया,  नई पैदावार मंडी में बस पहुँचने ही वाली थी कि नवंबर में नोटबंदी ने सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया।

 सहारनपुर से लेकर मिर्जापुर तक मूर्तियां तोड़ना, विचारधारा खत्म करने का प्रयास: राज बब्बर

हरी सब्जियों आदि के भाव इतने गिरे की लागत भी वसूल करना मुश्किल हो गया। धान, गेहूं, अरहर, मिर्ची, गन्ना, चना, हरी सब्ज़ी, टमाटर, आलू – खेतों में बंपर फ़सल हुई, लेकिन मंडियों में मंदी छाई रही।देशभर के सारे किसानों का यही हाल था। किसी भी उपज का उचित दाम नहीं मिला।

आखिर एेसा क्या हुआ कि अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश में बसने की बात कह गये ?

यूपीएससी ने जारी किए अंक, देखिये टापर्स ने कितने अंक पाकर किया टाप

तमिलनाडु के किसानों ने दिल्ली मे कई दिनों तक  प्रदर्शन किया। पर मोदी तरकार के कान पर जूं तक न रेंगा।महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन कर रहें हैं। मोदी सरकार और महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस सरकार अपना आधा रास्ता तय कर चुकी हैं। महाराष्ट्र के किसान और खेतिहर मज़दूरों का कहना है कि दोनों सरकारें 2014 में किसानों को दिए हुए अपने वादों से मुकर-सी गई हैं।

प्रणव राय के घर सीबीआई रेड पर, रवीश कुमार ने दी, मोदी सरकार को खुली चुनौती

एनडीटीवी के संस्थापक प्रणव रॉय के घर, सीबीआई की छापेमारी, कहा-झूठे केस में फंसाया जा रहा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ  ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ वार्ता के बाद आंदोलन ख़त्म करने का फैसला किया है, लेकिन आंदोलन में अगुआ भारतीय किसान यूनियन और राष्ट्रीय किसान मज़दूर संघ ने संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने का ऐलान किया है।

देखिये, संसद मे सांसदों की उपस्थिति, कौन नम्बर वन और कौन फिसड्डी

भारतीय किसान संघ ने घोषणा की है कि चूंकि सरकार ने उनकी सारी बातें मान ली हैं इसलिए आंदोलन को स्थगित किया जाता है।वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने इस समझौते की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार इस आंदोलन से घबराकर ऐसे हथकंडे अपना रही है।  भारतीय किसान यूनियन ने भी कहा कि हड़ताल उनके संगठन ने शुरू की थी और खत्म भी वही करेंगे।

महामुक़ाबले में, टीम इंडिया के हाथों पाकिस्तान की हार, के सबसे बड़े कारण

 उत्तर प्रदेश में सरकार बनते ही योगी आदित्यनाथ ने किसानों का ऋण माफ़ करने की घोषणा कर दी। हांलांकि कर्ज अभी तक माफ नही हुआ है। इधर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री का कहना है कि ऋण माफ़ कर देने से मामला नहीं सुलझेगा। दो राज्यों मे दोनों में भाजपा की सरकारें  लेकिन किसानों को लेकर अलग-अलग फ़ैसले।

मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव से रिश्तों को लेकर, खोला राज…

समस्या ये है कि किसी  भी सरकार की दिलचस्पी, किसानों की समस्या को समाप्त करने मे नही है, सरकारें सियासी चश्मे से किसानों की समस्याओं को देख रहें हैं। इसलिये ये चोट नासूर बन गई है। जल्द ही इसके स्थायी समाधान पर विचार न हुआ तो देश की सियासत के साथ-साथ देश की राजनीति पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ेगा।

 

 

 

 

 

Related Articles

Back to top button