हमीरपुर, यूपी के हमीरपुर जिले में सीएम अखिलेश यादव की जनसभा में किसानों के हंगामा करने, कुर्सियां फेंकने के मामले में एलआईयू प्रभारी बी.डी. यादव व प्रभारी निरीक्षक हमीरपुर समेत आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। सीओ सदर को भी गैर जनपद के लिए तबादला कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले गुरुवार को सूबे के सीएम अखिलेश यादव की हमीरपुर स्थित राजकीय महाविद्यालय के पास जनसभा थी। जहां यूपी 100 डायल सेवा को हरी झंडी भी दिखाई थी।
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने जनसभा को सम्बोधित करना शुरू ही किया था कि जनसभा स्थल पर लाठी-डंडे और हंसिया से लैश सैकड़ों किसानों ने हंगामा करते हुए जमकर बवाल किया। सीएम की सभा में कुर्सियां हवा में उछाली गईं और किसानों ने हल्ला मचाते हुए तोड़फोड़ भी किया। पुलिस के साथ भी धक्कामुक्की करते हुए करीब आधे घंटे तक सीएम की सभा में नारेबाजी की गयी, जिससे सीएम भड़क गये। इस मामले में उसी दिन कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार की देर रात दस लोगों को नामजद व दो सौ लोगों पर मामला दर्ज भी किया गया। भाकियू के जिलाध्यक्ष निरंजन राजपूत, उसके दो पुत्र, महिला मोर्चा का जिलाध्यक्ष विशेखा राजपूत समेत दस लोग मामले में नामजद हैं। इसी मामले में फौजी रामदयाल सविता को जेल भेजा गया, वहीं बाकी आरोपियों की तलाश में छापामारी की जा रही है।
लापरवाही में आधा दर्जन अफसर नपें सीएम की सभा में हंगामा कर तोड़फोड़ करने के मामले में सबसे पहले एलआइयू के प्रभारी बी.डी. यादव को सस्पेंड किया गया। इसके बाद सदर कोतवाल के.एन. सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज सुरजीत कुमार, मुस्करा एसओ राजीव मिश्रा व चिकासी एसओ गुलाब त्रिपाठी सस्पेंड हुए। सुमेरपुर थाने में तैनात एसआई अक्षय कुमार भी सस्पेंड किए गए, जबकि सीओ सदर गुरुदयाल सिंह कटियार को स्थानांतरित कर दिया गया। क्या कहते हैं एसपी एसपी अनिल कुमार सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई डीआईजी के निर्देश पर की गई है। इन पुलिस अफसरों ने लापरवाही बरती थी।
उनका कहना है कि पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद एक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है बाकी की तलाश कराई जा रही है। उनका कहना है कि कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र के सिधौल व अन्य गांवों के किसानों ने आकर सीएम की सभा में हंगामा किया था। क्या कहते हैं एलआईयू प्रभारी एलआइयू प्रभारी बी.डी. यादव ने बताया कि वह निर्दोष हैं क्योंकि सीएम की सभा से दो दिन पूर्व सारी सूचनाएं डीएम व एसपी को दी गई थी। उनका कहना है कि उनके विभाग का काम है, हर गतिविधियों की सूचनाएं समय पर देना होता है और उसमें कार्यवाही कराना अधिकारियों का है।