दुबई, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अब एक समान अंपायर निर्णय समीक्षा प्रणाली के इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी है। यह नियम अक्टूबर से लागू हो जाएगा। आईसीसी ने एक बयान में कहा कि डीआरएस तकनीक का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस्तेमाल करने के फैसले पर सहमति जताई गई है। मई में आईसीसी की क्रिकेट काउंसिल इसके इस्तेमाल पर चर्चा करेगी और जून 2017 में इस पर आखिरी फैसला लिया जाएगा, जिसके बाद इसी साल अक्टूबर में इसे लागू किया जाएगा।
साथ ही, यह पहला मौका होगा जब वेस्टइंडीज में 2018 में होने वाले आईसीसी ट्वेंटी-20 महिला विश्व कप टूर्नामेंट में भी डीआरएस का इस्तेमाल किया जाएगा, जहां हर टीम को एक एनालिसिस का मौका दिया जाएगा। बता दें कि आईसीसी की दो दिन की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें हॉकआई, हॉट स्पॉट, अल्ट्रा एज, रियल टाइम स्निको तकनीक का इस्तेमाल सही फैसले लेने के लिए किया जाता है। इसमें इस बात का भी प्रपोजल रखा गया कि सीरीज में भी आईसीसी ही डीआरएस का खर्चा उठाएगी।
ईसीसी की लंदन में होने वाली बैठक में इस फैसले पर आखिरी मुहर लगेगी। यह बैठक जून में होगी। साथ ही आईसीसी ने साफ किया है कि जो भी ऑर्गनाइजेशन डीआरएस तकनीक मुहैया कराएंगे, उनके लिए मैसाचुसेट्स तकनीकी संस्थान से पहले इसकी जांच और सहमति हासिल करना भी अनिवार्य होगा। उसके बाद ही मैचों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। पिछले साल डीआरएस में उपयोग की जाने वाली तकनीक हॉकआई, हॉट स्पॉट, अल्ट्रा एज, रियल टाइम स्निको की भी एमआईटी में जांच कराई गई थी।