गाजियाबाद, देश में ‘मीठी क्रांति’ को गांव-गांव तक पहुंचाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए खादी इंडिया ने शहद की मोबाइल प्रसंस्करण यूनिट शुरू करने की अनोखी पहल की है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने गाजियाबाद के सिरोरा गांव में देश की पहली ‘मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन’ लाँच की। यह पहली ‘मोबाइल हनी प्रोसेसिंग यूनिट’ है, जो 8 घंटों में 300 किलोग्राम तक शहद का प्रसंस्करण कर सकती है। यह वैन जांच प्रयोगशाला से भी सुसज्जित है जो तत्काल शहद की गुणवत्ता की जांच कर सकती है। खास बात ये है कि इस मोबाइल वैन का डिजाइन 15 लाख रूपये की लागत से केवीआईसी ने अपने बहुविषयक प्रशिक्षण केंद्र, पंजोखेड़ा में तैयार किया है।
यहां आयोजित लाँचिंग समारोह में केवीआईसी के मध्य क्षेत्र के सदस्य जय प्रकाश गुप्ता भी उपस्थित थे। मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन, केवीआईसी के ‘शहद मिशन’ की यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस मिशन का उद्देश्यन मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षण देना, किसानों को मधुमक्खी के बक्से वितरित करना तथा गांवों के शिक्षित और बेरोजगार युवकों को मधुमक्खी पालन की गतिविधियों के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में सहायता करना है।
मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यह मधुमक्खी पालकों के शहद का प्रसंस्करण उनके द्वार पर ही करेगी। इससे समय और प्रसंस्करण की लागत में बचत होगी। जहां यह मधुमक्खी पालन को छोटे मधुमक्खी पालकों के लिए अधिक लाभदायक बनाएगी, वहीं शहद की शुद्धता तथा सर्वोच्च गुणवत्ता मानकों का रखरखाव भी करेगी।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, केवीआईसी के अध्यक्ष सक्सेना ने कहा कि शहद मिशन का उद्देश्य देश में शहद का उत्पादन बढ़ाना और किसानों तथा मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि करना है। उन्होंने कहा कि यह नवोन्मेषी मोबाइल हनी प्रोसेसिंग वैन कई प्रकार के उद्देश्यों को पूरा करेगी।