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खुद करें अपनी कदर, हर दिन अपना दायरा फैलाएं और कद बढ़ाएं

girlकमियां सबमें होती हैं, लेकिन अपने अंदर मौजूद कमियों का रोना किसी के सामने न रोएं। हर दिन अपना दायरा फैलाएं और कद बढ़ाएं। अपनी शक्तियों को पहचानें और जीवन में आगे बढ़ते चले जाएं।

क्रेडिट लेना सीखें: आप सोचते हैं की अपनी कमियों और गलतियों को स्वीकार करके और अपनी जीत को हलके तौर पर लेने से आप बहुत अच्छा कर रहे हैं? नहीं ऐसा बिलकुल नहीं है। इस बात को स्वीकारें कि अगर आप सफल हैं, तो जरूर इसमें आपने खुद की मदद की है। क्योंकि आपने मेहनत की है, आप टैलेंटेड हैं और आपने सही समय पर परफॉर्म किया है इसलिए ही आप सफल हुए हैं। झिझक नहीं करें, बल्कि इस बात को सहजता से स्वीकारें। जब कोई आपकी तारीफ करे तो धन्यवाद कहकर स्वीकार करना सीखें। ये शब्द वाकई बहुत ताकत देने वाले होते हैं।

शब्दों पर नियंत्रण हो: आखिर में आवाज ऊंची करके किसी भी वाक्य को सवाल में बदल देना अपनी बात सही होने के लिए सहमती मांगने जैसा ही है। इसका अर्थ होता है मैं तुम्हें चैलेन्ज नहीं कर रहा, सिर्फ पूछ रहा हूं। ये काम महिलाएं ज्यादा करती हैं। अपनी कथनी पर थोड़ा कंट्रोल रखें। क्या आपके सोच-विचार सवाल की तरह सुनाई देते हैं? अगर जवाब हां है तो अकेले में प्रैक्टिस करें और तब तक करें जब तक आपको लहजे में फर्क महसूस न हो।

नेगेटिव विचारों से बचें: नेगेटिव ऑटोमैटिक सोच लगातार आपके सिर के आसपास ही घूमती रहती है। ये नेगेटिव एनर्जी पूरे वक्त आपका ध्यान खींचती हैं और आपकी सोचने समझने की शक्ति भी काबू में कर लेती है। नेगेटिव विचारों से निजात पाने का एक ही तरीका है की इन्हें चैलेंज करते रहें, इग्नोर करने से कुछ नहीं होगा। जब भी ऐसे विचार घर करने लगें तो डाइवर्ट करने की कोशिश करें। जैसे हो सकता है की बॉस वाकई बिजी हैं, मुझे इग्नोर नहीं कर रहे हैं। रिसर्च बताती है की केवल एक पॉजिटिव विचार बहुत से नेगेटिव विचारों को मार देता है।

मायने रखती है खुद की ही तारीफ: ऐसा कौन है जो नहीं चाहता कि उसके काम, लुक्स या घर की सजावट को लेकर कोई तारीफ ही नहीं करे? हर इंसान चाहता है की लोगों की नजर में वो ऊपर उठे, लोग उसकी तारीफ करते रहें। लेकिन फिर भी सलाह यही है कि इस तरह की सतही वाह-वाहियों पर ज्यादा निर्भर नहीं करना चाहिए। सबसे अच्छा है खुद की नजर में ऊपर उठना। आपकी खुद के लिए क्या राय है ये मायने रखता है। लोगों की राय से खुद को कभी नहीं तोलना चाहिए। लगातार खुद से संवाद करना सीखें और अपनी ही नजरों में खुद की एक आइडेंटिटी बनाएं। ऐसा करने से आप अपने अंदर की ताकत को तुरंत ही महसूस करने लगेंगे।