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खुद पर दर्ज मुकदमों को अखिलेश यादव ने लिया था वापस : CM योगी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में 2017 से पहले की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर अपराधियों और देशद्रेहियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दूसरों को नसीहत देने वाले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में खुद पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने का काम किया था।
विधानपरिषद में बजट सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2016 में अखिलेश यादव ने अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को अपने ही हस्ताक्षर से वापस लेने का काम किया था, जबकि वो मुकदमा चुनाव आयोग की ओर से दर्ज कराया गया था और उसे बिना आयोग की अनुमति के नहीं हटाया जा सकता था। ये लोग दूसरों को नसीहत देते हैं मगर खुद के कारनामे नहीं देखते।

उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में अपराधी सत्ता के सरपरस्त तो थे ही, देशद्रोही आतंकवादियों के मुकदमे भी वापस लिये जाते थे। उन्होने दावा किया कि मौजूदा भाजपा सरकार ने पिछले छह साल में ना तो सीएम और ना ही डिप्टी सीएम के खिलाफ किसी मुकदमों को वापस लिया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 से पहले लखनऊ, वाराणसी, बिजनौर, कानपुर, गोरखपुर, रामपुर और बाराबंकी के आतंकी हमलों में शामिल आतंकियों के गंभीर धाराओं के मुकदमों को वापस करने का दुस्साहस समाजवादी पार्टी की ओर से किया गया था। उस वक्त उच्च न्यायालय को टिप्पणी करनी पड़ी थी कि आज आप आतंकियों के मुकदमों को वापस ले रहे हैं, कल उन्हें पुरस्कार देने का काम भी करेंगे।

उन्होने कहा कि आज प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण है। अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार चल रही है। यूपी देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश सरकार नेक नीयत से सारे कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने एनसीआरबी का डेटा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यूपी में डकैती, लूट, हत्या, बलवा, फिरौती, बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में भारी गिरावट आई है।

मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि आज पुलिस भर्ती में महिलाओं की संख्या बढ़ाई गयी है। तीन महिला पीएसी बटालियन की स्थापना हुई है। प्रदेश के हर थाना, चौकी, पुलिस लाइन में अच्छे बैरक बनाये जा रहे हैं। प्रदेश दंगामुक्त हुआ है। साथ ही हर रेंज में साइबर क्राइम थाना की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा जेलों की व्यवस्था में भी व्यापक सुधार हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाकर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।