मुंबई, लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) और चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के बीच गुरुवार को मुक़ाबला रोमांचक होने जा रहा है। एक तो ब्रेबोर्न स्टेडियम की पिच पर रन बरसते हैं, जबकि रिकॉर्ड कुछ ऐसा कहते हैं कि दोनों टीमों के बल्लेबाज़ों का इस मैच में चलना तो बनता है।
पिछले मैच में गुजरात टाइटंस के ख़िलाफ़ वह पहली गेंद पर ही आउट हो गए थे। आईपीएल का इतिहास बताता है कि दहाई का आंकड़ा पार नहीं करने के बाद हमेशा राहुल के बल्ले से बड़ी पारी निकलती है। 2019 में चार और एक रन पर आउट होने के बाद उन्होंने मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ 59 गेंदों में नाबाद 71 रन, 2019 में ही दो रन पर आउट होने के बाद सीएसके के ख़िलाफ़ 36 गेंद में 71 रन, 2021 में पांच रन पर आउट होने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ 51 गेंद में 61 रन, 2021 में ही चार रन पर आउट होने के बाद मुंबई के ख़िलाफ़ 52 गेंद में नाबाद 60 रन बनाए थे। वैसे भी राहुल ने 2018 से आईपीएल में सबसे ज़्यादा 56 पारियों में 55.4 के औसत से 2548 रन बनाए हैं, जहां उनके नाम 23 अर्धशतक और दो शतक हैं।
अहम मैचअप्स की बात करें तो सीएसके के गेंदबाज़ ड्वेन ब्रावो, रवींद्र जडेजा और मोईन अली के सामने एलएसजी में शामिल बल्लेबाज़ों का बुरा हाल रहता है। इतिहास देखें तो केएल राहुल का ऐडम मिल्न, ड्वेन ब्रावो और मोइन अली के ख़िलाफ़ तो अच्छा रिकॉर्ड है, लेकिन वह रवींद्र जडेजा के ख़िलाफ़ रन बनाने के लिए जूझते हैं। क्विंटन डिकॉक का बल्ला ड्वेन ब्रावो और मोइन अली के सामने खामोश रहता है। इन दोनों ने ही चार-चार बार उन्हें आउट किया है, जबकि इस दौरान उनका औसत भी 15 से नीचे आ जाता है।
एविन लुईस की बात करें तो ड्वेन ब्रावो के सामने वह संघर्ष करते हैं, जहां वह तीन बार आउट हुए हैं और औसत भी 15 से नीचे रहा है। जबकि रवींद्र जाडेजा के ख़िलाफ़ उन्होंने 205 के स्ट्राइक रेट और 60 के औसत से रन बनाए हैं। दीपक हुड्डा और क्रुणाल पांडया भी ड्वेन ब्रावो और रवींद्र जाडेजा के सामने संघर्ष करते हैं।